कोरबा (IP News). मंगलवार को मिनी रत्न कंपनी नॉर्दर्न कोलफ़ील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) के नेहरू शताब्दी चिकित्सालय (एनएससी), जयंत प्रबंधन की लापरवाही से एक महिला मरीज की जान चली गई।

जानकारी के अनुसार बीना परियोजना में अनमोल तिर्की कार्यरत हैं। उनकी पत्नी लीना को एनएससी, जयंत में दाखिल कराया गया था। गंभीर स्थिति को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने लीना तिर्की को उचित इलाज के लिए बनारस रेफर किया। बनारस ले जाने के लिए क्रिटिकल एम्बुलेंस उपलब्ध कराई गई। मरीज ऑक्सीजन पर थी। एम्बुलेंस में उपलब्ध रहने वाले दो ऑक्सीजन सिलेंडर में एक खाली था। एक सिलेंडर में ऑक्सीजन थी। लिहाजा इसी सिलेंडर के भरोसे लीना को बनारस के लिए रवाना किया गया।

सिलेंडर से मरीज को ऑक्सीजन पहुंचाने वाले पाइप से गैस का रिसाव होने लगा। एम्बुलेंस में मौजूद अटेंडेंट ने पाइप पर टेप चस्पा कर दिया। लीकेज कुछ कम जरूर हुआ, लेकिन बंद नहीं हुआ। एम्बुलेंस रावट्सगंज के पास पहुंची थी कि ऑक्सीजन खत्म हो गया और मरीज को सांस लेने में तकलीफ होने लगी। रावट्सगंज पहुंचने पर यहां सरकारी अस्पताल में पता किया गया पर वहां ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध नहीं था। इधर, बगैर ऑक्सीजन के लीना तिर्की की स्थिति गंभीर होने लगी। परिजन व अटेंडेंट कोई और उपाय करते, लीना ने दम तोड़ दिया।

एनएससी का घेराव व अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी, वार्ता में जांच कर दोषियों पर कार्यवाई का आश्वासन

इधर, बीना परियोजना के कामगारों और श्रमिक संगठनों के लोगों को जैसे ही इसकी खबर लगी उनमें आक्रोश पनप गया। श्रमिक संगठनों के लोग और कामगार नेहरू शताब्दी चिकित्सालय, जयंत पहुंच गए और घेराव करते हुए प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। बाद में प्रबंधन और श्रमिक से संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता हुई। इसमें संबंधित चिकित्सक व तकनीशियन के खिलाफ कार्यवाई की मांग रखी गई। मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाई पर सहमति बनी। इसके लिए दो माह का समय लिया गया। इसके अलावा अस्पताल संबंधी 14 और मुद्दों पर चर्चा हुई और इसका लिखित प्रतिवेदन तैयार किया गया।

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