भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा की 28 सीटों पर हुए उप चुनाव पर एग्जिट पोल्स आ गए हैं। एग्जिट पोल्स में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कांग्रेस से ज्यादा सीटें दी गई हैं। एक्सिस इंडिया टुडे के एग्जिट पोल में भाजपा को 17 सीटें और कांग्रेस को 11 सीटों पर जीत मिलने की बात कही गई है। जबकि इंडिया टुडे और आज तक के एग्जिट पोल में भाजपा को 16-18 सीटें और कांग्रेस को 10 से 12 सीटें मिल सकती हैं। मध्य प्रदेश की इन 28 सीटों पर तीन नवंबर को मतदान हुआ था। इन सीटों के नतीजे 10 नवंबर को आएंगे।
उपचुनाव के बाद भाजपा-कांग्रेस खेमे में बढ़ी हलचल
इन 28 सीटों पर उपचुनाव होने के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों खेमे में हलचल बढ़ गई है। गत शुक्रवार को एमपी चुनाव के भाजपा प्रभारी भूपेंद्र सिंह ने निर्दलीय विधायकों के साथ कई बैठकें कीं। एमपी में चार निर्दलीय विधायक हैं। उप चुनाव के बाद यदि त्रिशंकु विधानसभा की स्थित बनती है तो बसपा के दो और सपा का एक विधायक की भूमिका अहम हो जाएगी।
निर्दलीय विधायक हुए अहम
भूपेंद्र सिंह ने शुक्रवार को बुरहानपुर से निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा, बसपा विधायक संजीव कुशवाहा और भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी से मुलाकात की। सिंह का कहना है कि उप चुनाव पर नतीजे 10 नवंबर को आ जाने के बाद पार्टी अपने अगले कदम के बारे में फैसला करेगी। सूत्रों का कहना है कि निर्दलीय विधायक भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों के साथ संपर्क में हैं।
कमलनाथ ने लगाया भाजपा पर आरोप
कांग्रेस नेता एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा पर अपने विधायकों को तोड़ने का आरोप लगाया है। कमलनाथ ने कहा, ‘कांग्रेस के कई विधायकों एवं निर्दलीय विधायकों ने मुझे बताया है कि भाजपा उन्हें अपने पाले में करने के लिए प्रलोभन दे रही है। मैं भाजपा को याद दिलाना चाहता हूं कि राज्य के लोग एवं कांग्रेस मिलकर उसका सामना करेंगे।’
भाजपा के पास अभी 107 विधायक
भाजपा के पास अभी 107 विधायक हैं। इन 28 सीटों पर चुनाव परिणाम आ जाने के बाद विधानसभा सदस्यों की संख्या 229 हो जाएगी। ऐसे में भाजपा को सदन में अपना बहुमत बनाए रखने के लिए इन 28 सीटों में से कम से कम आठ सीटें जीतनी होंगी। कांग्रेस के पास 87 विधायक हैं और उसे बहुमत हासिल करने के लिए इन सभी 28 सीटों पर जीत दर्ज करनी होगी।