एयर इंडिया को बेचने के लिए सरकारी हर मुमकिन कोशिश कर रही है। कंपनी के लिए खरीदार तलाशने के लिए अधिकारियों ने रोड शो भी किए हैं। इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि अधिकारियों ने रोड शो में 9 कंपनियों से बातचीत की है।

नाम जाहिर ना करने की शर्त पर एक सूत्र ने बताया कि एयर इंडिया के अधिकारियों ने ब्रिटिश एयरवेज की पेरेंट कंपनी IAG SA, इंडिगो, स्पाइस जेट और टाटा संस से मुलाकात की है।

सरकार ने 2018 में भी एयरलाइन को बेचने की कोशिश की थी। हालांकि तब यह कोशिश कामयाब नहीं हो पाई थी। अब अगर सरकार एयर इंडिया को बेचने में कामयाब हो जाती है तो सरकार को फिस्कल डेफिसिट कम करने में मदद मिलेगी। सरकार ने सितंबर 2019 में कॉरपोरेट टैक्स घटाने का ऐलान किया था जिसकी वजह से 20 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है।

एयर इंडिया की शुरुआत 1932 में टाटा एयरलाइन के नाम से हुई थी। बाद में इसे सरकार ने खरीद लिया। हालांकि 2007 से अब तक एयर इंडिया से सरकार को कोई कमाई नहीं हो पाई है। पिछले साल एयरलाइन का लॉस 1.2 अरब डॉलर था जो अब तक का सबसे ज्यादा है। एयर इंडिया पर कुल 60,000 करोड़ रुपए का कर्ज है। लाइव मिंट के मुताबिक, इस मामले में इंडिगो, टाटा संस और IAG ने कोई कमेंट करने से इनकार कर दिया।

इन नुकसानों के बावजूद एयरलाइन के पास कुछ आकर्षक एसेट्स भी हैं। इनमें लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर स्लॉट, 100 प्लेन के फ्लीट के साथ प्रशिक्षित पायलट और क्रू मेंबर्स शामिल हैं। एयर इंडिया पर कुल 60,000 करोड़ रुपए का कर्ज है। लेकिन सरकार खरीदारों को राहत देने के लिए इसका बाकी कर्ज AIAHL (एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड) को ट्रांसफर कर देंगे। इस तरह एयर इंडिया खरीदने वालों की जवाबदेही सिर्फ 23,286 करोड़ रुपए की रहेगी। एयर इंडिया के लिए अभी तक किसी कंपनी बहुत ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई है। एविएशन मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी ने नवंबर में संसद को बताया था कि अगर एयर इंडिया को कोई खरीदार नहीं मिला तो इसे बंद करना होगा।

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