कोरबा (आईपी न्यूज़)। कोयला खदान के लिए जमीन देने वाले और नियमित नौकरी से वंचित 840 भूविस्थापित फिर छले गए हैं। एसईसीएल की नई परियोजना सरईपाली में कोयला लदान व परिवहन के कुल ठेका कार्य का 20 प्रतिशत काम भूविस्थापितों की सहकारी समिति को आबंटित किया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है।
एसईसीएल प्रबंधन द्वारा 26 मई को कोयला उत्खनन आदि कार्य के लिए ई- टेंडर जारी किया गया है। 2018 में फंक्शन डायरेक्टर्स सदस्यों (FD) द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार SOR रेट पर 20 प्रतिशत कार्य भूविस्थापितों की सहकारी समिति को दिया जाना चाहिए। इस निर्णय को एसईसीएल के निदेशक (तकनीकी एवं संचालक) रविन्द्र कुमार निगम द्वारा दरकिनार कर दिया गया है। ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति ने आरोप लगाया है कि निदेशक श्री निगम द्वारा निजी ठेका कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
समिति के अध्यक्ष सपूरन कुलदीप ने निदेशक श्री निगम द्वारा पद का दुरुपयोग किए जाने की लिखित शिकायत प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग, नई दिल्ली के निदेशक को प्रेषित की है। इधर, इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री से भी शिकायत की गई है और हाइकोर्ट में भी याचिका दाखिल की गई है।
यहां बताना होगा कि सराईपाली खदान परियोजना से 1161 भूस्वामी प्रभावित हुए हैं। इनमें 321 को ही नियमित रोजगार दिया जाना तय किया गया है। देखें शिकायत पत्र :