बिलासपुर (IP News). वित्तीय वर्ष 2019-20 में कोविड-19 की महामारी तथा अतिवर्षा के बावजूद एसईसीएल के कर्मवीरों ने अथक प्रयास करते हुए 150.55 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया। यह लगातार दूसरा वित्तीय वर्ष है जब एसईसीएल ने 150 मिलियन टन से अधिक कोयला उत्पादित करते हुए देश की सर्वाधिक कोयला उत्पादक कंपनी होने का अपना गौरव बरकरार रखा है। एसईसीएल कर्मियों तथा जनसामान्य को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए उक्त बातें एसईसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक ए.पी. पण्डा ने एसईसीएल मुख्यालय प्रशासनिक भवन प्रांगण में स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर कही।
उन्होंने आगे अपने उद्बोधन में वर्ष 2019-20 में एसईसीएल द्वारा हासिल किए गए कई कीर्तिमानों में से कुछ का उल्लेख किया। विशेष तौर पर 17 मार्च 2020 को एसईसीएल द्वारा किए गए 10,01,536 टन कोयला उत्पादन का जिक्र किया। यह एक दिवसीय कोयला उत्पादन कोल इंडिया में एक मिसाल है। उन्होंने कोयला उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में किए जा रहे सकारात्मक कार्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वर्ष 2019-20 के दौरान दो नई ओपनकास्ट माईन्स बिजारी एवं जगन्नाथपुर में कोयला उत्पादन प्रारंभ हुआ है। यह दोनों खदानें एसईसीएल के कुल उत्पादन में अपना योगदान देंगी।
उन्होंने आगे कहा कि वर्ष 2023-24 तक कोलइण्डिया नेे 1-बिलियन टन कोयला उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को हासिल करने में एसईसीएल की महति भूमिका होगी। इस दिशा में एसईसीएल ने वित्तीय वर्ष 2023-24 तक खदान के विस्तार, नई खान परियोजनाओं, अवसंरचना, रेल लाइनो और साइडिंग आदि में लगभग 26 हजार करोड़ रूपये के निवेश की योजना पर प्रतिबद्धता जताई है। कोयला उत्पादन पूर्ण सुरक्षा के साथ होना चाहिए अतः उन्होंने शून्य दुर्घटना क्षति के संकल्प को फिर एक बार दोहराया। उत्पादन के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण भी एसईसीएल की प्राथमिकता है। इस तारतम्य में 23 जुलाई को आयोजित विशेष वृक्षारोपण अभियान में एसईसीएल के सभी क्षेत्रों एवं इकाईयों में 13 हजार पौधों का रोपण तथा 49 हजार पौधों का वितरण किया गया।
अपने उद्बोधन के दौरान अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक ए.पी. पण्डा ने विशेष तौर पर बताया कि एसईसीएल के महामाया खुली खदान, भटगाँव क्षेत्र में सरफेस कोल गैसीफिकेशन प्रोजेक्ट की शुरूआत की जा रही है। एसईसीएल ने ’फस्र्ट माईल कनेक्टिविटी’ की पहल करते हुए पहले चरण में 8 परियोजनाओं का कार्य शुरू किया है जिसकी अनुमानित लागत 3150 करोड़ रूपये होगी। एसईसीएल साईलो युक्त रेपिड लोडिंग सिस्टम वाले कोल हैंडलिंग प्लांट (सीएचपी) स्थापित करेगा, जिनमें लोड किए जाने वाले कोयले की पूर्व-तौली हुई सटीक मात्रा समेत कोयले की क्रशिंग, आकारयुक्त कोयला, बेहतर गुणवत्तायुक्त कोयला व उसकी त्वरित लोडिंग जैसे लाभ होंगे। यह कदम कोयला परिवहन क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा।
एसईसीएल द्वारा बनायी गयी भविष्य की योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भटगांव तथा बिश्रामपुर क्षेत्र मंे कोयला दोहन के पश्चात खाली चिन्हित भूमि के चार पैंचों पर ग्राऊंड-माऊंटेड सोलर पावर प्लांटों की योजना बनाई गई है ताकि प्रोजेक्ट डेवलपर के माध्यम से 40 मेगावाट ग्राऊंड-माऊंटेड सोलर पावर प्लांटों को लगाया जा सके। इन संयंत्रों से प्राप्त सौर ऊर्जा का उपयोग ग्रिड में अधिशेष को इंजेक्ट करने के विकल्प के साथ कैप्टिव खपत के लिए किया जाएगा। इसके अलावा ग्रिड कनेक्टेड रूफ टाॅप सोलर पावर प्लांट को छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश के सभी आॅपरेशनल क्षेत्रों के विभिन्न सेवा भवनों पर स्थापित करने की योजना बनाई गई है।
स्वतंत्रता दिवस 2020 के शुभ अवसर पर प्रातः 9 बजे मुख्य अतिथि अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक ए.पी.पण्डा ने एसईसीएल मुख्यालय प्रांगण में ध्वजारोहण किया एवं सुरक्षा टुकड़ी की सलामी ली। इस सुरक्षा टुकड़ी का नेतृत्व व्ही दक्षिणामूर्ति उप प्रबंधक (सुरक्षा) बिलासपुर ने किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में निदेशक (कार्मिक) डाॅ. आर.एस. झा, मुख्य सतर्कता अधिकारी बी.पी. शर्मा, निदेशक तकनीकी (संचालन) आर.के. निगम, निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) एम.के. प्रसाद, निदेशक (वित्त) एस.एम. चैधरी एवं संचालन समिति के सदस्य हरिद्वार सिंह उपस्थित थे।
इस अवसर पर अतिथियों द्वारा भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा, शहीद स्मारक एवं खनिक प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। कार्यक्रम के दौरान महाप्रबध्ंाक (कार्मिकध्प्रशासन) ए.के. सक्सेना, विभिन्न विभागाध्यक्ष, विभिन्न श्रमसंघ प्रतिनिधि, सीएमओएआई, आॅल इण्डिया एसएसटी ओबीसी कोआर्डिनेशन कौंसिल, कोल इण्डिया एससी-एसटी एम्पालई एसोसिएशन आदि के प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम के दौरान सोसल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया।