कोरबा (आईपी न्यूज़)। आल इंडिया सेन्ट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (एक्टू) का 10वां तीन दिवसीय अखिल भारतीय सम्मेलन 2-4 मार्च को नैहाटी, पश्चिम बंगाल में आयोजित हुआ। सम्मेलन में देश भर से 600 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। छत्तीसगढ़ से 8 सदस्यों ने भागीदारी की। सम्मेलन में 187 सदस्यों की राष्ट्रीय परिषद का चुनाव किया गया। परिषद ने 73 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी तथा 41 राष्ट्रीय पदाधिकारियों को चुना। वी.शंकर को नया अध्यक्ष तथा राजीव डिमरी को पुनः महासचिव चुना गया। छत्तीसगढ़ से बृजेन्द्र तिवारी, रूपेश कोसरे, भीमराव बागड़े व भूपेन्द्र कुमार गोंड को राष्ट्रीय परिषद में शामिल किया गया। सम्मेलन की शुरुआत 2 मार्च को रैली और शहीदों को श्रध्दांजलि से हुई। खुले सत्र को संबोधित करते हुए भाकपा (माले) महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि मोदी सरकार की जन विरोधी नीतियों खासकर सीएए, एनपीआर, एनआरसी के खिलाफ लगातार अभियान चलाना होगा। फांसीवादी ताकतें देश की जनता पर चौतरफा हमला कर रही हैं। इस हमले के विरोध में बड़े आंदोलनों और एकता की आवश्यकता है। तमाम केंद्रीय ट्रेड यूनियन के नेताओं ने भी सम्मेलन को संबोधित किया। सम्मेलन में बहस व चर्चा के पश्चात कई प्रस्ताव पारित किए गए। बालको के वेदांता प्रबंधन द्वारा एक्टू से संबद्ध यूनियन के चार पदाधिकारियों के पिछले 9 महीने से जारी निलंबन की निंदा की गई और इसे तत्काल वापस लेने की मांग की गई ।
सम्मेलन में श्रम कानूनों के कोडीकरण और श्रमिकों तथा ट्रेड यूनियन अधिकारों पर हमलों के खिलाफ प्रतिरोध तेज करने का आह्वान किया गया। सम्मेलन के दौरान निम्न प्रस्ताव पारित किए गए :
मोदी सरकार द्वारा रक्षा, रेलवे, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों, बैकों कै विलय व निजीकरण, राष्ट्रीय संपत्ति को बेचने के विरोध में लड़ाई को तेज करना। समान काम के लिए समान वेतन, ठेका प्रथा को बंद करना, विभिन्न राज्यों में ठेका, आकस्मिक, डेली श्रमिकों के बेहतर वेतन, स्थाई कार्य, सामाजिक सुरक्षा आदि के संघर्ष को मजबूत करना। आग लगने से फैक्ट्री में हो रही मौतें, सीवर लाइन में होने वाली मौत, खदानों व निर्माण कार्य के दौरान होने वाली दुर्घटना को रोकने और कार्यस्थल पर सुरक्षा की गांरटी की लड़ाई को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया। एचएससीएल श्रमिकों को बिलासपुर उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार तमाम बकाया राशि का भुगतान तत्काल किया जाय।