रायपुर (आईपी न्यूज)। श्रमिकों को उनके औद्योगिक संस्थानों और प्रतिष्ठानों द्वारा न्यूनतम मजदूरी देना और उनकी स्वास्थ्य-सुरक्षा का इंतजाम करना सुनिश्चित करें। सभी संस्थाओं में जाकर अवलोकन करे और न्यूनतम वेतन से कम भुगतान या वेतन भुगतान ना किए जाने और स्त्री-पुरूषों को समान वेतन ना दिए जाने की शिकायत पर कड़ी कार्रवाई करे, आवश्यक हो तो अपराधिक मामला दर्ज कर औद्योगिक न्यायालय में प्रस्तुत करें। असंगठित श्रमिकों के विकास और कल्याण के लिए कार्य करना राज्य सरकार की मंशा है और यह जनघोषणा पत्र की अनुरूप भी है। यह बात श्रम विभाग के सचिव सोनमणि बोरा ने कही। उन्होंने असंगठित विकास एवं कल्याण समिति के धीमी गति पर असंतुष्टि जाहिर की और नियमित बैठक बुलाने के निर्देश दिए। श्री बोरा ने सोमवार को इंद्रावती भवन नवा रायपुर अटल नगर में श्रम विभाग की प्रदेश स्तरीय समीक्षा बैठक ले रहे थे।
श्री बोरा ने कहा कि श्रमिकों के बच्चों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति तुरंत प्रदान करें। इस संबंध में अधिकारियों ने बताया कि लक्ष्य पूरा होने पर और राशि नहीं होने के कारण छात्रवृत्ति के आवेदन लंबित है। इस पर श्री बोरा ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि श्रमिकों और उनके परिवार के कल्याण के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं। उनके बच्चों के भविष्य सुरक्षित करने का कार्य किया जाए। श्री बोरा ने बैठक में ही छात्रवृत्ति के 8 हजार से अधिक लंबित आवेदनों के लिए राशि स्वीकृत की। औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि औद्योगिक प्रतिष्ठानों में श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिष्ठानों में समय-समय पर निरीक्षण किया जाए और इस संबंध में संबंधित प्रतिष्ठानों के साथ बैठक ली जाए और उनसे पालन प्रतिवेदन ले।
श्री बोरा ने कहा कि श्रमिकों की स्वास्थ्य जांच के लिए वृहद् स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जाएगा। इस शिविर मंे श्रमिकों की जांच के उपरांत विभिन्न श्रेणी में सूची बनाई जाएगी और साथ ही विभिन्न बीमारियों से ग्रसित श्रमिकों को बड़े अस्पतालों में रेफर किया जाएगा और उनकी इलाज के प्रगति पर निगरानी रखी जाएगी। इसमें अशासकीय संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाएगा। यह शिविर दुर्ग, कोरबा, बलौदाबाजार, रायगढ़ और जांजगीर-चांपा में आयोजित की जाएगी और भविष्य में अन्य जिलों में किया जाएगा।
श्रम विभाग के सचिव श्री बोरा ने लघु व्यापारी एवं स्व-व्यावसायी के पेंशन के लक्ष्य की समीक्षा करते हुए योजना की धीमी गति पर असंतुष्टि जाहिर की। उन्होंने कहा कि इसके लिए सराफा बाजार और केमिस्ट एसोसिएशन इत्यादि को लक्ष्य में रखकर काम करें और उनसे जुड़े व्यापारियों और कर्मचारियों की सूची बनाए। बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल में संचालित खाद्य पदार्थों से संबंधित संस्थानों में स्वयं जाकर चर्चा करें। श्री बोरा ने बैठक में कहा कि मुख्यमंत्री जनचैपाल तथा विभागीय मंत्री से प्राप्त शिकायतांे की त्वरित निराकरण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी समस्त अधिकारी-कर्मचारी टीम भावना से काम करें। यदि किसी स्थिति में योजना के क्रियान्वयन और शिकायतों के निराकरण में लापरवाही बरतता है तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। औद्योगिक क्षेत्रों में शांति बनाये रखे, श्रमिक संगठनों से समय-समय पर चर्चा करें और सभी के साथ समन्वय बनाकर कार्य करें। उप श्रम आयुक्त श्री एस. एल. जांगड़े, सहायक श्रम आयुक्त श्री बी.पी.तिवारी, उपसंचालक औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा श्री एंथोनी तिर्की सहित प्रदेश भर से आए श्रम विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।
शहीद वीर नारायण सिंह अन्न योजना को सेवाभाव के साथ क्रियान्वित करें
शहीद वीर नारायण सिंह अन्न सहायता योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए श्री बोरा ने कहा कि यह योजना छत्तीसगढ़ के महान शहीद वीर नारायण सिंह को समर्पित है। जिन्होंने गरीबों के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया, जिस प्रकार गुरूद्वारों में लंगर कराते समय जिस सेवा भाव से भोजन कराया जाता है, वैसा ही भाव इस योजना के क्रियान्वयन के समय समाहित करे और श्रमिकों के लिए भोजन की व्यवस्था करें। उन्होंने प्रजापिता ब्रम्हकुमारी संस्थान की प्रबंधन का भी उदाहरण दिया। श्री बोरा ने इस योजना के तहत चलने वाले केंद्रों में बैठने की अच्छी व्यवस्था, शुद्ध पेयजल, भोजन करने के स्थान पर धूप-पानी से बचाव के लिए शेड और कुड़ेदान की व्यवस्था करने की निर्देश दिए। यह योजना जो की रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, राजनांदगांव और रायगढ़ मे संचालित हो रही है। इसके अलावा यहां जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार, अंबिकापुर, कोरिया में भी क्रियान्वित की जाएगी। बैठक में शहीद वीर नारायण सिंह अन्न योजना के तहत संचालित केन्द्रों की संख्या 19 को बढ़ाकर 100 और इन केन्द्रों से लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या छह लाख 96 हजार से बढ़ाकर 15 लाख तक करने के निर्देश दिए।