कोरबा (IP News). प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कमर्शियल माइनिंग के तहत कोयला खदानों की नीलामी का आगाज करते ही तीन दिवसीय कामबंद हड़ताल का नोटिस भी थमा दिया गया है। कोल इंडिया लिमिटेड के साथ ही सभी अनुषांगिक कपंनियों के मुख्यालयों और परियोजनाओं के महाप्रबंधक कार्यालयों को भी हड़ताल का नोटिस दिया गया है। बीएमएस, एचएमएस, इंटक, सीटू, एटक के संयुक्त मोर्चा के बैनर तले 2, 3, 4 जुलाई को हड़ताल होगी। माना जा रहा है कि कोयला जगत की यह सबसे बड़ी हड़ताल हो सकती है। कमर्शियल माइनिंग के फैसले को लेकर कोयला उद्योग के कामगारों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। इस हड़ताल को कोल माइंस आफिसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया का भी साथ मिला है। हालांकि अधिकारियों के इस संगठन ने सीधे तौर पर हड़ताल पर शामिल न होकर काला बिल्ला लगाकर विरोध की बात कही है। इधर, कमर्शियल माइनिंग की शुरुआत होते ही श्रमिक संगठनों का प्रदर्शन भी शुरू हो गया है।
सिंगरेनी में पुतला दहन, दीपका में विरोध प्रदर्शन
सिंगरेनी, तेलंगाना में केन्द्र सरकार का पुतला फूंका गया है। एसईसीएल, छत्तीसगढ़ कोरबा के दीपका क्षेत्र में संयुक्त मोर्चा के द्वारा गेट मिटिंग एवं प्रदर्शन कर विरोध किया गया। जेबीसीसीआई सदस्य लक्ष्मण चन्द्रा एवं एमएचएस के पदाधिकारी शिष्टीधर तिवारी ने इस दौरान अपना संबोधन दिया और कहा कि यह हड़ताल को पूरी ताकत के साथ सफल बनाना है।