कोरबा (आईपी न्यूज)। देश के सरकारी कोयला उद्योग में कमर्शियल माइनिंग, कोल ब्लाॅक की नीलामी, सीएमपीडीआईएल व एमईसीएल का विलय, सीएमपीडीआईएल को सीआईएल से पृथक करना, सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण, श्रम कानूनों में बदलाव और श्रमिकों के अधिकारी में कटौती, मनरेगा के रोजगार की समय सीमा को 200 दिन करना आदि मुद्दों का लेकर केन्द्र सरकार पर हमले की जोरदार तैयारी है। देश की पांच प्रमुख केन्द्रीय यूनियन एचएमएस, बीएमएस, एटक, इंटक, सीटू के एक मंच पर आ जाने से विरोध की आवाज और मुखर हो गई है। 10 जून को विराध दिवस व 11 जून को काला दिवस आंदोलन के पहले की कोयला खदानों में कमर्शियल माइनिंग व अन्य फैसलों को लेकर मोदी सरकार की मुखालफत शुरू हो चुकी है।

10 जून को सुबह 10 से षाम 5 बजे तक कोयला कंपनियों के कार्यालयों के समक्ष धनना प्रदर्शन, जुलूस, गेट मीटिंग होगी। कोयला उद्योग के अलावा अन्य सार्वजनिक उपक्रमों, बैंक, बीमा, डाक आदि क्षेत्रांे में यह आंदोलन होगा। 11 जून को काला दिवस मनाया जाएगा। कामगाार काली पट्टी या काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे। साथ ही विरोध प्रदर्शन भी किया जाएगा। आंदोलन को लेकर सभी यूनियन संयुक्त रूप से तैयारी में जुटी हुईं हैं। सोशल मीडिया पर भी कमर्शियल माइनिंग के विरोध का अभियान षुरू किया गया है। ट्विटर पर भी हैशटैग स्टाॅप कमर्शियल माइनिंग ट्रेंड कर रहा है। इधर, कमर्शियल माइनिंग जैसे बड़े फैसले की मुखालफत को केन्द्र सरकार पर क्या असर पड़ता है, यह देखना होगा।

मोदी ने कहा था- कोयला क्षेत्र को बंधनों से मुक्त करने कमर्शियल माइनिंग का रास्ता खोला गया

दो दिन पूर्व कोयला मंत्री जोशी ने कहा था कि यह निर्णय वापस नहीं होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2 जून को ट्वीट के जरिए कहा था कि कोयला और खनन क्षेत्र को खोलने के देश के लिए दूरगामी परिणाम होंगे। उद्यमियों के लिए नई संभावनाएं खुलने और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर मिलने के साथ-साथ देश का तेजी से औद्योगिक विकास होगा। खनन क्षेत्र में असीम संभावनाओं को देखते हुए इस क्षेत्र के विकास में बाधक अड़चनों को दूर कर दिया गया है। अब खनन कंपनियां खनिज खोज और खनन के काम एक साथ कर सकेंगी। प्रधानमंत्री ने कहा था विशाल कोयला भंडार होने के बावजूद भारत में कोयला आयात होता है। कोयले की मांग को पूरा करने में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कोयला क्षेत्र को तमाम बंधनों से मुक्त कर दिया गया है और कमर्शियल माइनिंग का रास्ता खोल दिया गया है।

देखें दो दिवसीय आंदोलन के पूर्व की तस्वीरें:

एसईसीएल जोहिला एरिया विरोध प्रदर्शन

एसईसीएल भटगांव में विरोध प्रदर्शन

एसईसीएल कुसमुंडा में संयुक्त तैयारी बैठक

एनसीएल सिंगरौली में संयुक्त मोर्चा की बैठक

एससीसीएल सिंगरेनी श्रीरामपुर क्षेत्र में गेट मीटिंग

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