कोरबा (IP News). केन्द्र सरकार के कमर्शियल माइनिंग के फैसले ने कोयला उद्योग में उबाल ला दिया है। इसके विरूद्ध 2, 3, 4 जुलाई को कामबंद महाहड़ताल होने जा रही है। 18 जून को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कमर्शियल माइनिंग के लिए 5 राज्यों के 41 कोल ब्लाॅक की नीलामी प्रक्रिया की शुरुआत की थी। इसी दिन केन्द्रीय श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चा ने सरकार को हड़ताल का नोटिस थमा दिया था। इधर, एक रिपोर्ट बताती है कि जो 41 कोल ब्लाॅक नीलामी के लिए चिन्हांकित किए गए हैं। इनमें 15 फीसदी ब्लाॅक को ही वन व पर्यावरण की मंजूरी मिल है। इससे यह सवाल उठ रहे हैं कि इंवायरमेंट व फाॅरेस्ट क्लीयरेंस बगैर खदानों की नीलामी कैस हो रही है। पांचवी अनुसूची वाले जिलों में स्थित कोल ब्लाॅक शुरू करने पेसा एक्ट के तहत ग्राम सभाओं की मंजूरी भी जरूरी है। यहां केन्द्र सरकार पर्यावरणीय स्वीकृति, पेसा एक्ट, वन अधिकार अधिनियम जैसी कानूनी प्रक्रिया को ठेंगा दिखाती नजर आ रही है। देखें कोल ब्लाॅक की सूची:

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