रायपुर (आईपी न्यूज)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि आम जनता को किसी भी तरह की सेवा मिलने में परेशानी न उठानी पड़े इसका विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। समय सीमा में सेवा उपलब्ध कराने में चूक करने वाले अधिकारियों पर नियमानुसार अर्थदंड की कार्रवाई के भी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत जिलों को 22 मार्च से पूर्व तक मिले समस्त आवेदनो का एक सप्ताह के भीतर निराकरण सुनिश्चित करने के साथ ही आवेदनों की प्रक्रिया ऑनलाइन करने की कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा। मुख्यमंत्री ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत लंबित आवेदनों की जिलेवार स्थिति के बारे में भी जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने कांफ्रेंस में सभी कलेक्टरों को सीमांकन के कार्य को बरसात शुरू होने तक जारी रखने के निर्देश दिए। शहरी क्षेत्रों में सीमांकन के कार्य बरसात के वक्त में भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने दस्तावेजों का जिले के किसी भी तहसील में पंजीयन कराने की प्रक्रिया को शुरू करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ राज्य में कोविड 19 महामारी के नियंत्रण तथा लाकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों एवं जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए राज्य में अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए राज्य में काफी प्रभावी ढंग से अधिकारी कर्मचारियों ने काम किया इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है।
13 मार्च से अधिकारी कर्मचारी लगातार कोरोना से प्रभावित लोगों की मदद में जुटे हुए हैं। अवकाश और त्योहार के दिनों में भी प्रशासनिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने काम किया है। इससे राज्य में कोरोना संक्रमण की रोक थाम प्रभावी ढंग से हो सकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगे भी इस महामारी पर नियंत्रण रहेगा ऐसा विश्वास है। उन्होंने अन्य राज्यों के प्रवासी श्रमिकों को छत्तीसगढ़ राज्य में मिली सेवाओं के लिए भी अधिकारियों, कर्मचारियों एवं समाज सेवी संगठनों के सहयोग की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्वारंटाइन सेन्टर में रह रहे प्रवासी श्रमिकों को बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित हों। कोरोना महामारी से समुदाय को सुरक्षित रखने के लिए सतर्कता जरूरी है। उन्होंने इस पर विशेष रूप से ध्यान देने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण और लाकडाउन के दौरान जरूरतमंदों को रोजगार तथा वनांचल क्षेत्रों में वनोपज के संग्रहण के माध्यम से आर्थिक गतिविधियों के अनवरत संचालन की भी सराहना की और कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य इस कठिन परिस्थिति में भी किसानों, गरीबों, मजदूरों को आर्थिक रूप से सहायता पहुंचाने में कामयाब रहा है। उन्होंने कहा कि मनरेगा के माध्यम से औसतन 26 लाख लोगों को रोजाना गांव में ही रोजगार और नियमित रूप से मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विषम परिस्थिति में शासन प्रशासन अपने जनहितैषी कार्यों से जन सामान्य का विश्वास हासिल करने में सफल रहा है। उन्होंने कहा कि जनता का विश्वास ही हमारी पूंजी है। मुख्यमंत्री ने काॅन्फ्रेंस में कोरोना महामारी नियंत्रण, राहत व्यवस्था और रणनीति, नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी योजना, हाट बाजार क्लीनिक योजना, इंग्लिश मीडियम स्कूलों की स्थापना, मुख्यमंत्री शहर स्लम स्वास्थ्य योजना, सुपोषण अभियान, ग्रामीण भूमिहीन मजदूर परिवारों का चिन्हांकन, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, लघु वनोपजों का संग्रहण और प्रसंस्करण, वन अधिकार अधिनियम, खाद्य प्रसंस्करण, लघु वनोपज प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना, अन्य फसलों को बढ़ावा देने हेतु कार्य योजना, शालाओं के शुरू करने से पहलेे उनके रंग-रोगन और आवश्यक मरम्मत, भूमि का आबंटन और नियमितिकरण, शहरी स्लम पट्टों का नवीनीकरण व फ्री होल्ड करना, शासकीय हाॅस्टल-आश्रम भवनों में आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता, जिलों में टिड्डी की समस्या, रेन वाटर हर्वेस्टिंग, कोविड संकट के दौरान राज्य में वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों के बनाए गए राशन कार्ड, जाॅब कार्ड एवं लेबर कार्ड, जारी मानसून सत्र में वृक्षारोपण की तैयारी सहित अन्य विषयों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं। वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारियों सहित सभी 28 जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, संभागीय कमिश्नर, पुलिस महानिरीक्षक, डीएफओ, सीसीएफ, जिला पंचायत के सीईओ और नगर निगमों के आयुक्त शामिल हुए।