नई दिल्ली: चुनाव संबंधी सूचनाओं का विश्लेषण करने वाले समूह एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के एक अध्ययन में बृहस्पतिवार को कहा गया कि वित्त वर्ष 2018-19 में देश के अनेक राजनीतिक दलों को कॉर्पोरेट और उद्योग घरानों से कम से कम 876 करोड़ रुपये का चंदा मिला और भाजपा को इसमें सर्वाधिक धन मिला, जिसके बाद कांग्रेस को चंदा मिला.

एडीआर ने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सार्वजनिक किये गये आंकड़ों के हवाले से कहा कि भाजपा को 698 करोड़ रुपये मिले, वहीं कांग्रेस को कुल 122.5 करोड़ रुपये मिले. सभी राजनीतिक दलों को एक वित्त वर्ष में 20,000 रुपये से अधिक के चंदे और दानदाता के बारे में चुनाव आयोग को जानकारी देनी होती है.

रिपोर्ट के अनुसार, ‘पांच राष्ट्रीय दलों में से भाजपा को 1,573 कॉर्पोरेट दानदाताओं से अधिकतम 698.082 करोड़ रुपये का चंदा मिला, जिसके बाद कांग्रेस को 122 कॉर्पोरेट दानदाताओं से 122.5 करोड़ रुपये का कुल चंदा मिला. राकांपा को 17 कॉर्पोरेट दानदाताओं से 11.345 करोड़ रुपये मिले.’

रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल 319 चंदों के बारे में दानदाता फॉर्म में पते की जानकारी नहीं है, जिनसे राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को 31.42 करोड़ रुपये मिले.

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