केंद्रीय खान मंत्री प्रल्हाद जोशी और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आज संयुक्त रूप से ओडिशा की दो नई लौह अयस्क खदानों में उत्पादन से जुड़ी गतिविधि का शुभारंभ किया। ये हैं- जिलिंग-लैंग्लोटा लौह अयस्क ब्लॉक और गुआली लौह अयस्क ब्लॉक। दोनों खदानों की उत्पादन क्षमता 15 लाख टन प्रति माह है और इनमें लगभग 275 मिलियन टन का समेकित लौह अयस्क भंडार है। इस समारोह का आयोजन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया था और राज्य सभा से सांसद श्री अश्विनी वैष्णव भी इस दौरान उपस्थित थे।
ओडिशा राज्य में लौह अयस्क की कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार से एक अनुरोध के बाद 25 दिनों के भीतर ये खंड हाल ही में एक प्रादेशिक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम ओडिशा खनन निगम (ओएमसी) के लिए आरक्षित किए गए थे।
इस मौके पर श्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि, “ये खानें छोटे उद्योगों के लिए आपूर्ति को स्थिर बनाने में सहायता करेंगी और इनसे राज्य में रोजगार के अनेक अवसर सृजित होंगे। दोनों खदानों से ओडिशा राज्य के लिए लगभग 4000-5000 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व उत्पन्न होगा।” श्री जोशी ने ओडिशा के मुख्यमंत्री से राज्य में उत्पादन तथा राजस्व सृजन बढ़ाने के लिए सभी गैर-कार्यशील खानों की नीलामी एवं संचालन में और अधिक खानों को लाने का अनुरोध किया।
श्री जोशी ने ओडिशा सरकार को खनिज उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने को साकार करने के लिए पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया। श्री जोशी ने इस बात पर भी जोर दिया कि ओडिशा खनन निगम द्वारा परिचालन इस राज्य में बाजार स्थिरीकरण और लौह अयस्क की उपलब्धता में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इन खदानों में लौह अयस्क उत्पादन शुरू होने से राज्य में लौह अयस्क की कमी को काफी हद तक कम किया जा सकेगा और पूरे देश को भी इससे लाभ मिलेगा।