कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार ने सरकारी कंपनियों के कर्मचारियों के बढ़े हुए महंगाई भत्ते पर कुछ समय के लिए रोक लगा दी है। मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार के अगले आदेश तक यह रोक लगी रहेगी। पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज के बढ़ाए हुए महंगाई भत्ते पर फिलहाल रोक लगाने का आदेश भारी उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी किया गया है। मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा है कि कोरोना के चलते पैदा हुए परिस्थितियों के कारण 1 अक्टूबर को बढ़ाए हुए महंगाई भत्ते पर रोक लगाई गई है।
इन कर्मचारियों के मिलगा महंगाई
भत्ता मंत्रालय ने अपने आदेश में साफ किया है कि जिन कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 1 जुलाई, 2020 को बढ़ाया गया था, वह लागू रहेगा। उस पर किसी भी प्रकार की रोक नहीं लगाई गई है। इसके अलावा मंत्रालय ने 1 जनवरी, 2021 और 1 अप्रैल, 2021 को जो महंगाई भत्ते बढ़ने वाले थे, उन पर भी रोक लगा दी है। मंत्रालय ने कहा कि 1 जुलाई, 2021 से अब महंगाई भत्ते का पुर्नआंकलन किया जाएगा और फिर नए सिरे से डीए का निर्धारण किया जाएगा।
कर्मचारियों को नहीं मिलेगा एरियर
मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा है कि अक्टूबर 2020 से जून 2021 तक बढ़े हुए महंगाई भत्ते पर रोक लगी रहेगी। साथ ही उसका एरियर भी नहीं दिया जाएगा। इसका मतलब यह है कि अब ऐसे केंद्रीय कर्मचारियों को डीए के भुगतान पर रोक लगाने का जो नुकसान होगा, उसकी भरपाई एरियर के रुप में भी नहीं की जाएगी। गौरतलब है कि सरकार का ये फैसला सिर्फ उन कर्मचारियों पर लागू होगा, जिन्हें सेंट्रल पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज कहा जाता है। इन कंपनियों में एक बड़ी हिस्सेदारी केंद्र सरकार की होती है। इंडियन ऑयल, एनटीपीसी और कोल इंडिया जैसी पब्लिक सेक्टर की कंपनियों को सरकार की ओर से यह झटका लगा है।
केंद्र सरकार अपने सभी कर्मचारियों के जनवरी 2020 में बढ़े हुए महंगाई भत्ते के भुगतान पर पहले ही रोक लगाने का आदेश दे चुकी है। अब जुलाई 2021 में सभी केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को बढ़ाने पर विचार किया जाएगा। पहले केंद्र सरकार के महंगाई भत्ते को बढ़ाने के आदेश का अनुसरण करते हुए ओडिशा और केरल जैसे राज्यों ने भी अपने राज्य कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाने का ऐलान कर दिया था, लेकिन अब इस पर पुर्नविचार किया जा रहा है।