केंद्र सरकार ने बुधवार को एक मीडिया रिपोर्ट को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि सरकार ने अपने स्थायी कर्मचारियों के लिए साल में 20 दिनों की अर्नड लीव (EL) लेना अनिवार्य कर दिया है।

सरकार ने अपनी सफाई में कहा कि यह दावा किया जा रहा है कि सरकार ने अपने स्थायी कर्मचारियों के लिए हर साल कम से कम 20 दिनों की अर्नड लीव लेना अनिवार्य कर दिया है ताकि उसके पैसे कर्मचारियों को न देने पड़ें।

केंद्र सरकार ने मीडिया रिपोर्टों को ये कहते हुए खारिज कर दिया है कि उसके स्थायी कर्मचारियों को हर साल कम से कम 20 दिनों की अर्नड लीव लेना अनिवार्य रूप से लेने का दावा झूठा और पूरी तरह से आधारहीन है। इसमें कहा गया है कि इस तरह की कोई घोषणा अभी तक नहीं की गई है। साथ सरकार ने मीडिया समूहों से व्यापक अटकलों से परहेज करने का भी आग्रह किया है।

दरअसल इस रिपोर्ट में कहा गया था कि FY19 के लिए बजट अनुमानों के अनुसार, वित्त मंत्रालय ने अपने अनुमानित 3.5 करोड़ सिविल कर्मचारियों के भत्ते के लिए 63,249 करोड़ रुपये का बजट रखा है, जो FY17 से 5 फीसदी अधिक है। कथित तौर पर ये पैसा कर्मचारियों की बची हुई अर्नड लीव का भुगतान करने के लिए रखा गया है।

इसमें आगे कहा कि गया कि इसलिए केंद्र सरकार एक नया नियम बनाने का फैसला किया है, जिसके तहत सभी स्थायी केंद्र सरकार के कर्मचारियों को अब हर साल कम से कम 20 दिन की अर्जित छुट्टी (EL) लेनी होगी।

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