कोरबा (आईपी न्यूज)। एटक के श्रमिक नेता दीपेश मिश्रा ने बताया कि देशभर के सभी सेंट्रल ट्रेड यूनियन ने केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि भारत सरकार कोविड-19 का हवाला लेकर असाधारण परिस्थिति की बात कह फैक्ट्री एक्ट -1948 को बदलने की जो योजना बना रही है, वो उचित नहीं है। इस संबंध में सेंट्रल ट्रेड यूनियन का कहना है कि फैक्ट्री एक्ट 1948 में मजदूरों से प्रति सप्ताह में 48 घंटे कार्य लेने की बात कही गई है। सरकार अब 72 घंटे प्रति सप्ताह कार्य लेने की योजना बना रही है।
सरकार का यह कहना है कि लाॅकडाउन के कारण वर्कर्स की कमी के चलते ऐसा किया जा रहा है। इस संबंध में श्रमिक संगठनों का यह कहना है कि पिछले कुछ वर्षों से बेरोजगारों की संख्या बढ़ी है और आर्थिक सुस्ती के चलते यह लगातार बढ़ती जा रही है। यह आशंका जाहिर की गई है कि स्थिति अगर ऐसी रही तो आने वाले समय में बेरोजगारी की दर 23.7 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। केंद्रीय श्रमिक संगठनों का यह भी कहना है कि असाधारण परिस्थिति का हवाला देकर सरकार की सप्ताह में 48 घंटे कार्य की जगह 72 घंटे कार्य लेने की योजना पूरी तरह मजदूर विरोधी है। सीधे-सीधे उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार यह योजना बना रही है। इसका पूरी ताकत के साथ विरोध किया जाएगा।