नई दिल्ली (आईपी न्यूज)। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनियों ने पर्यावरण संबंधी नीतियोें, नियमों का अनुपालन नहीं किया। केंद्र सरकार ने सितंबर 2006 में राष्ट्रीय पर्यावरण नीति तैयार की थी। मार्च 2012 में एक व्यापक नीति बनाई। दिसंबर 2018 में इसमें एक संशोधन किया गया। पर्यावरण मंत्रालय ने समय≤ पर सहायक कंपनियों की परियोजनाओं को मंजूरी देते हुए पर्यावरण संबंधी नीतियों का पालन करने निर्देश दिए थे। रिपोर्ट के अनुसार सात कोयला उत्पादक सहायक कंपनियों में से छह ने अनुपालन नहीं किया। चार सहायक कंपनियों की 12 खानों ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड्स के सर्वर से जुड़ी निरंतर परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली स्थापित नहीं की थी।
पीएम 10 और पीएम 2.5 का स्तर कई स्थानों पर निर्धारित मानक से अधिक
महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड की चार खानों से निकाले गए कोयले में औसत राख की मात्रा 40.1 और 43.8 प्रतिशत के बीच थी। पीएम 10 और पीएम 2.5 का स्तर कई स्थानों पर निर्धारित मानक से अधिक था। रिपोर्ट में बताया गया है कि जांच के लिए चयनित 28 ऑपरेटिंग खानों में से 17 में निर्धारित दिशा निर्देशों के क्रियान्वयन में कमी देखी देखी। रेलवे साइडिंग से जुड़े अधूरे काम, जिनके कारण कोयले को परिहवन सड़क के माध्यम से करना पड़ रहा। इससे बड़ी मात्रा में धूल पैदा हो रही। सहायक कंपनियों ने आवासीय कॉलोनियों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगाए हैं। रिपोर्ट में विस्तार कई बातें रखी गई हैं।