रायपुर (IP News). कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी के रायपुर आगमन पर श्रमिक संगठन सीटू व माकपा ने विरोध प्रदर्शन किया। यह विरोध कमर्शियल माइनिंग के तहत निजी सेक्टर को कोल ब्लाॅक देने के निर्णय को लेकर था। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए तख्तियां लेकर राजधानी में प्रदर्शन किया गया।
सीटू के राज्य सचिव धर्मराज महापात्र ने कहा कि कोयला मजदूरों द्वारा केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ कोयला श्रमिकों की 2-4 जुलाई को तीन दिवसीय अभूतपूर्व राष्ट्रव्यापी हड़ताल के बावजूद केंद्र सरकार अपने निर्णय पर पुनर्विचार की बजाय इस सम्पदा को बेचने के रास्ते पर चल रही है, जो शर्मनाक है। ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने इसे वापस लेने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार एक ओर आत्मनिर्भरता का दावा करती है और दूसरी ओर देश की सम्पदा को लूटने निजी पूंजी के हवाले करने इसकी बिलिंग लगा रही है। नेताओ ने कहा कि कोयला के व्यवसायिक खनन का प्रदेश के आदिवासी समुदायों पर पड़ने वाले सामाजिक और पर्यावरणीय दुष्प्रभाव, जैव विविधता और समृद्ध वन्य जीवों के विनाश, राज्यों के अधिकारों और संविधान की संघीय भावना के अतिक्रमण तथा अंतरराष्ट्रीय पेरिस समझौते की भावना के उल्लंघन को देखते हुए इसके कानूनी पहलुओं पर झारखंड सरकार की तर्ज पर छत्तीसगढ़ सरकार को भी कोर्ट में चुनौती देने चाहिए।