कोल इंडिया स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कोयला अधिकारियों एवं कर्मचारियों से अपील की है कि बोनस एवं पीआरपी में जो पैसा मिला है, उससे स्थानीय स्तर पर बनी चीजों की खरीदारी करें। उन्होंने बाय लोकल एंड बी वोकल का नारा दिया। कोयला मंत्री का ऑनलाइन संबोधन कोल इंडिया समेत सभी अनुषंगी कंपनियों में कोयलाकर्मियों ने सुना। कंपनी की वेबसाइट पर वेबकास्ट के माध्यम से प्रसारित किया गया।

मौके पर मंत्री ने कहा कि कमर्शियल माइनिंग आत्मनिर्भर भारत के लिए है। यह बढ़ती कोयला जरूरतों को देखते हुए जरूरी है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कोयला भंडार वाला देश है। अफसोस कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कोयला आयातक देश भी है। उन्होंने कोल इंडिया को टास्क दिया कि नई तकनीक, आंतरिक सुधार आदि के माध्यम से कोयला उत्पादन बढ़ाएं और कोयले का निर्यातक देश भारत बने। मौजूदा समय में कोयले का जितना जल्दी उपयोग कर लें, उतना ही बेहतर होगा। मंत्री ने कोयले की वाइब्रेंट मार्केटिंग पर जोर दिया। वहीं नन रेगुलेटेड सेक्टर को भी कोयला मुहैया कराने की बात कही। 2023-24 तक कोल इंडिया का उक बिलियन टन लक्ष्य पर बात की। साथ कोल सेक्टर में निकट भविष्य में हजारों करोड़ के निवेश का भी जिक्र किया।

कोल गैसीफिकेशन, सीबीएम, सोलर पावर आदि के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों का भी उल्लेख कोयला मंत्री ने अपने संबोधन में किया।

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