कोरबा (आईपी न्यूज)। सोमवार को नाम वापसी के बाद शहर सरकार बनाने की कवायद तेज हो जाएगी। इस दफे नगरीय निकाय चुनाव इसलिए दिलचस्प हो गए हैं क्योंकि महापौर और अध्यक्षों का चुनाव वार्डों से जीतकर आने वाले पार्षद करेंगे। लिहाजा कांग्रेस की कोशिश निकायों में ज्यादा से ज्यादा पार्षदों को जीता कर लाने की है। ताकि यह संदेश दिया जा सके कि विधानसभा में मतदाताओं द्वारा पार्टी पर जताया गया भरोसा कायम है। इधर, छत्तीगसढ़ राज्य के बड़े नगर पालिक निगम में एक कोरबा में कांग्रेस दूसरी खेलने के लिए आतुर है। भाजपा भी वापसी की फिराक में है। नगर पालिक निगम क्षेत्र में 67 वार्ड समाहित हैं। कांग्रेस को अपना महापौर बनाने के लिए 34 प्रत्याशियों को जीत दिलानी होगी। इस जादुई आंकड़े पर पहुंचने वाला दल ही अपनी पार्टी का प्रथम नागरिक बना सकता है। निगम कोरबा का महापौर पद पिछड़ा वर्ग मुक्त है। यानि इस वर्ग से वार्ड चुनाव जीतने वाला पुरुष, महिला कोई भी मेयर का ओहदा हासिल कर सकता है। ऐसे में कांग्रेस और भजपा दोनों दलों की रणनीति यही है किसी भी स्थिति में 34 या उससे अधिक की पार्षद संख्या प्राप्त की जाए। निगम कोरबा के पहले तीन कार्यकाल में भाजपा सत्तासीन रही है। इसके बाद शहर सरकार पर कांग्रेस काबिज हुई। अब निगम की पांचवी परिषद को हासिल करने जुगत लगाने दोनों दल तैयार हैं।
भाजपा के मुकाबले कांग्रेस में कहीं अधिक बड़े चेहरे
कांग्रेस ने पार्टी के कई बड़े चेहरों को वार्ड चुनाव के मैदान पर उतारा है। मसलन जिला कांग्रेस कमेटी शहर अध्यक्ष राजकिशोर प्रसाद वार्ड क्र. 14 से चुनाव लड़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश सचिव सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल, जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष धरम निर्मले, महिला कांगे्रस शहर अध्यक्ष सपना चैहान, ब्लाक अध्यक्ष व पूर्व सभापति संतोष राठौर, कांग्रेस पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश महामंत्री श्यामसंुदर सोनी सहित कुसुम द्विवेदी, संतोष लांजेकर, निवर्तमान सभापति धूरपाल सिंह कंवर, इस्माइल कुरैशी, दिनेश सोनी, अर्चना उपाध्याय पार्टी के बड़े चेहरों के रूप में जाने जाते हैं। कांग्रेस के मुकाबले भाजपा में कुछेक ही बड़े फेस हैं, जैसे भोजराम राजवाड़े, रूक्मणी नायर, हितानंद अग्रवाल, सुशील गर्ग, मुकेश कुमार बग्गा, ज्योति पंाडेय। ऐसी स्थिति कांग्रेस की प्रतिष्ठा कहीं अधिक दांव पर लगी हुई है।

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