कोरबा (आईपी न्यूज़)। कोरबा जिले में अन्य प्रांतों से आये सभी प्रवासी श्रमिकों को कोरोना जांच की रिपोर्ट आ जाने पर ही क्वारेंटाइन सेंटरों से रिलीज किया जायेगा। जांच रिपोर्ट पाजिटिव आने पर संक्रमित श्रमिक को इलाज के लिए विशेष कोविड अस्पताल भेजा जायेगा।
14 दिन की क्वारेंटाइन अवधि पूरी कर चुके श्रमिकों की जांच रिपोर्ट निगेटिव मिलने पर ही उन्हें घर जाने दिया जायेगा। ऐसे सभी श्रमिकों को घर में भी अगले 14 दिनों तक होम क्वारेंटाइन में रहने का शपथ पत्र भरना होगा। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने इस संबंध में जरूरी निर्देश भी जारी किये हैं। श्रीमती कौशल ने कोविड प्रोटोकाल के अनुसार 14 दिन की क्वारेंटाइन अवधि पूरी करने के बाद क्वारेंटाइन सेंटर में रखे गये लोगों को रिलीज करने के लिए प्राधिकृत अधिकारियों की भी नियुक्ति की है।
नगर निगम कोरबा क्षेत्र में स्थित क्वारेंटाइन सेंटरों से लोगों को रिलीज करने के लिए नगर निगम आयुक्त श्री एस. जयवर्धन प्राधिकृत अधिकारी होंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में क्वारेंटाइन सेंटरों से 14 दिन की अवधि पूरी करने वाले जांच रिपोर्ट प्राप्त लोगों को रिलीज करने के लिए संबंधित अनुभाग के एसडीएम प्राधिकृत अधिकारी बनाये गये हैं। पाली तहसील के क्वारेंटाइन सेंटरों से लोगों को घर जाने के लिए छोड़ने का निर्णय तहसीलदार पाली करेंगे।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज यहां बताया कि अन्य राज्यों से कोरबा लौटे लोगों को कोविड प्रोटोकाल के आधार पर 14 दिन क्वारेंटाइन में रखा गया है। इस अवधि में ऐसे सभी लोगों और श्रमिकों का आरटीपीसीआर पद्धति से कोरोना टेस्ट कराया जाता है। चैदह दिवस क्वारेंटाइन अवधि पश्चात भी यदि किसी श्रमिक का आरटीपीसीआर का रिपोर्ट जांच उपरांत प्राप्त नहीं हुआ है तो रिपोर्ट प्राप्त होने तक ऐसे श्रमिकों को किसी भी स्थिति में घर नहीं जाने दिया जायेगा।
क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों को निगेटिव रिपोर्ट प्राप्त होने पर ही अगले 14 दिवस के लिए होम क्वारेंटाइन का शपथ पत्र भरवाकर ही छोड़ा जायेगा। क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे जिन लोगों का क्वारेंटाइन अवधि के भीतर आरटीपीसीआर टेस्ट नहीं हो पाया है उनकी 14 दिन बाद रैपिड टेस्ट किट से जांच की जायेगी और रिपोर्ट निगेटिव प्राप्त होने पर ही अगले 14 दिवस के लिए होम क्वारेंटाइन का शपथ पत्र भरवाकर छोड़ा जायेगा।
14 दिन के बाद क्वारेंटाइन अवधि पूरा करने के बाद छोड़े गये सभी श्रमिकों की निगरानी संबंधित क्षेत्र के सचिव, रोजगार सहायक, मितानीन-एक्टिव सर्विलेंस टीम के माध्यम से की जायेगी।