इंफोसिस के को-चेयरमैन और बैंक ऑफ बड़ौदा के चेयरमैन रहे वेंकटेशन ने ऑल इंडियन मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन के आंकड़ों के हवाले से कहा कि अगर कोरोना संकट चार से आठ माह तक बढ़ता है, तो देश की 19 से 43 फीसदी एमएसएमई हमेशा के लिए भारत के नक्शे गायब हो जाएंगी।
3.3 करोड़ लोगों की जा सकती है नौकरी
वेंकटेशन का कहना है कि एमएसएमई के हर क्षेत्र में छंटनी हो सकती है। पांच करोड़ लोगों को नौकरी देने वाले होटल उद्योग में करीब 1.2 करोड़ नौकरी जा सकती हैं। वहीं 4.6 करोड़ लोगों को रोजगार देने वाले खुदरा क्षेत्र से 1.1 करोड़ लोगों की नौकरी जा सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि सबसे बड़ी चुनौती एमएसएमई से अप्रत्यक्ष रूप से या अस्थाई रूप से जुड़े लोगों के लिए है। दिहाड़ी मजदूरों को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है।
बता दें कोरोना वायरस ने दुनियाभर में तकरीबन 70 हजार लोगों की जान ले ली है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, अब तक दुनियाभर में 69,419 लोगों की मौत वायरस के चलते हुई है। इसमें सबसे अधिक इटली में 15887, स्पेन में 12641 मौतें हुई हैं। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक रविवार शाम 6 बजे तक देश में कुल संक्रमितों की संख्या 3 हजार 577 है। इनमें से 274 ठीक हो चुके हैं, जबकि 83 मरीजों की मौत हुई है।