संगीता ने बताया कि खाने के पैकेट में पूड़ी, सब्जी, चावल और दाल दिया जा रहा है। जरूरतमंदों तक पहुंचने के लिए बकायदा एक सूची तैयार की गई है। इस सूची के आधार पर सुबह से ही तैयारी शुरू हो जाती है। संगीता अभी महासमुंद में हैं और उनके पति राजनांदगांव में हैं। वह सुबह आठ बजे से तैयारी में जुट जाती हैं।
चार साल के बेटे ने दिया बचाव का संदेश
संगीता अपने घर में दो बच्चों को संभालने की जिम्मेदारी भी निभा रही हैं। संगीता लोगों को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया का भरपूर इस्तेमाल भी कर रही हैं। उन्होंने अपने चार साल के बेटे विशू का एक वीडियो तैयार किया। इसमें विशू से सैनिटाइज रहने के बारे में सवाल किया जा रहा है। विशू बताता है कि हाथ को हैंडवाश करना है, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना है और लोगों से उचित दूरी बनाए रखनी है।
चाट ठेला, रिक्शा वालों की मदद
संगीता बताती हैं कि वे उन लोगों तक खाना पहुंचा रही हैं, जो रोज कमाते-खाते थे। इसमें कोई चाट ठेले वाला है, तो कोई रिक्शा चलाने वाला। इन परिवारों का जीवन-यापन रोज कमाने से चलता था। अब सभी काम बंद हैं, ऐसे में ये सड़क पर न निकलें और भूख से परेशान न हों, इसका ख्याल रखा जा रहा है।
संगीता का यह है संदेश
संगीता ने समृद्ध लोगों के लिए एक संदेश दिया है। उनका कहना है कि अच्छे परिवार के लोग अपने घर के आसपास पांच से दस लोगों को भी भोजन उपलब्ध कराते हैं, तो कोरोना के संकट से निकला जा सकता है। ऐसा करने से लॉकडाउन में परिवार का समय भी पास हो जाएगा और सेवा भी हो जाएगी।