देश भर में पावर प्लांट से पावर हाउस, पावर हाउस से घर-घर बिजली पहुंचाने की जो तकनीकी व्यवस्था है उसे ग्रिड कहते हैं और ये ग्रिड सिर्फ लोड बढ़ने से ही नहीं, लोड के अचानक घटने से भी खराब हो सकती हैं। कोरोना लॉकडाउन के कारण दफ्तर और फैक्ट्री वगैरह बंद होने की वजह से देश में पहले ही बिजली की डिमांड में 25-30 फीसदी की कमी रिकॉर्ड की गई है।
पीएम की अपील से जैसे ही ये साफ हुआ कि 5 अप्रैल की रात अचानक से देश में पावर लोड कम होने पर बिजली ग्रिड को संभालना होगा पावर मिनिस्ट्री एक्शन मोड में है ताकि कहीं भी ब्लैक आउट की स्थिति ना पैदा हो। केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने शुक्रवार को विभाग की उच्चस्तरीय मीटिंग बुलाई जिसमें मंत्रालय के अलावा पावर ग्रिड और ग्रिड ऑपरेटर कंपनी के अधिकारी शामिल हुए।
एक अधिकारी ने एचटी से कहा कि 2 अप्रैल को पिछले साल के इसी दिन के मुकाबले पीक डिमांड 25 परसेंट कम दर्ज किया गया है। मीटिंग में संडे रात 9 बजे अचानक लोड घटने की सूरत में बिजली ग्रिड की सेहत ठीक रखने के उपाय पर चर्चा हुई और उसकी रणनीति बनाई गई।
एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि हमें चूंकि पहले से पता है तो हम इंतजाम में जुट गए हैं। इस समय देश का पीक लोड 120 गीगावाट है जिसमें घरेलू रोशनी में 12-15 गीगावाट बिजली की खपत होती है। अधिकारी ने कहा कि हमें बस ये 15 गीगावाट बिजली का उतार-चढ़ाव मैनेज करना है। प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को एक वीडियो संदेश के जरिए देश से अपील की है कि 5 अप्रैल की रात 9 बजे सारे लोग 9 मिनट के लिए घर की बत्ती बंद करके दीया, मोमबत्ती वगैरह जलाकर कोरोना वायरस को हराने में देश की एकजुटता दिखाएं।