कोरबा (आईपी न्यूज)। कोल इंडिया लिमिटेड के कोल रिजर्व में 8.3 बिलियन टन का इजाफा हुआ है। कोल रिजर्व 164 बिलियन टन से बढ़कर 172 टन पर पहुंच गया है। भारत सरकार के कोयल मंत्रालय द्वारा 16 नए कोल ब्लाॅक के आबंटन के बाद इसमें बढ़ोतरी हुई है।
यहां बताना होगा देश में कोयले मांग उत्पादन से कहीं ज्यादा है। बिजली उद्योग में सबसे अधिक कोयले की खपत होती है। विद्युत संयंत्रों की क्षमता में निरंतर वृद्धी हो रही है। इस लिहाज से मांग भी बढ़ रही है। बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए कोल इंडिया प्रबंधन सक्षम नहीं हो पा रहा है। कोयल मंत्रालय का तर्क है कि मांग केा देखते हुए वाणिज्यिक खनन को मंजूरी दी है। 2018- 2019 के दौरान 235 मिलियन टन कोयला आयात किया गया था। इधर, चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 के कोयला उत्पादन के निर्धारित लक्ष्य 660 मिलियन टन को पूरा करने के लिए जनवरी में उत्पादन में तेजी लाई गई। इसके बावजूद कोल इंडिया प्रबंधन का मानना है कि 640 मिलियन टन से अधिक उत्पादन नहीं किया जा सकता है।

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