कोरबा (IP News). बुधवार की सुबह 9.06 बजे केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने ट्वीट किया और कमर्शियल माइनिंग से होने वाले लाभ को गिनाया। उन्होंने लिखा कि विकास के लिए कोयला क्षेत्र को अनलाॅक किया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने कोयले के वाणिज्यिक खनन की अनुमति दी है। इस कदम से न केवल निवेश में आएगा, बल्कि कोयला उत्पादन बढ़ेगा और आयात में कमी आएगी तथा देश आत्मनिर्भर बनेगा। साथ ही श्री जोशी ने एक पोस्टर भी जारी किया। इसमें फास्ट ट्रैक इंवेस्टमेंट का उल्लेख करते हुए बताया गया है कि कमर्शियल माइनिंग से 5-7 वर्षों में 33 हजार करोड़ रुपए का निवेश होगा।
प्रधानमंत्री हैं सामने इसलिए नहीं हटेंगे पीछे
इधर, सरकार ने एक प्रकार से स्पष्ट कर दिया है कि वो कमर्शियल माइनिंग के निर्णय पीछे नहीं हटेगी। कोयला उद्योग में तीन दिवसीय सफल हड़ताल के बावजूद सरकार अडिग नजर आ रही है। हड़ताल के पहले भी कोल सेके्रटरी और बाद में कोयल मंत्री ने श्रमिक संगठनों के नेताओें से चर्चा की तो कमर्शियल माइनिंग के मुद्दे पर कुछ नहीं बोला गया। कहा जा रहा है प्रधानमंत्री को सामने रख इस पर फैसला लिया गया है। यही वजह है कि कमर्शियल माइनिंग पर कोयला मंत्रालय साइलेंस हैै। कोल इंडिया से लेकर कोयला मंत्री निरंतर इस निर्णय को कोल सेक्टर के भविष्य के लिए उज्जवल बताने का काम कर रहे हैं। लगातार यह कहा जा रहा है कि कमर्शियल माइनिंग से कोल इंडिया पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। सरकार सीआईएल का निजीकरण नहीं करने जा रही है।
श्रमिक संगठन सरकार से नहीं हैं सहमत
दूसरी ओर कोयला उद्योग प्रमुख श्रमिक संगठन सरकार से सहमत नहीं है। तीन दिवसीय हड़ताल के बाद कमर्शियल माइनिंग का टेंडर खुलने दिन 18 अगस्त को भी स्ट्राइक का ऐलान किया गया है। इसके पूर्व गेट मीटिंग और कोल ब्लाॅक क्षेत्र के लोगों को कमर्शियल माइनिंग के विरूद्ध जागरूक करने का काम किया जाएगा।