कोरबा (IP News).  तमाम विरोध के बावजूद कमर्शियल माइनिंग के तहत पाचं राज्यों में स्थित 41 कोल ब्लाॅक्स की नीलामी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। हालांकि कोयला मंत्रालय ने महाराष्ट्र के बांडेर को ब्लाॅक को नीलामी सूची से बाहर कर दिया है। इधर, यह सवाल उठ रहा है कि इस नीलामी में चीन की कंपनियां भी भाग लेंगी?

अंग्रेजी अखबार बिजनेस स्टेंडर्ड में कोयला मंत्रालय के संयुक्त सचिव एवं कोल ब्लॉक्स नीलामी के नॉमिनेट ऑथोरिटी एम नागराजू के हवाले से एक खबर छपी है। श्री नागराजू ने कहा है कि कोल ब्लॉक्स की नीलामी में भाग लेने पर चाइनीज कंपनियों पर कोई रोक नहीं है, क्यांेकि कोयला रणनीतिक उद्योग नहीं है।

इससे यह स्पष्ट होता है कि कोल ब्लॉक्स की नीलामी में चाइनीज कंपनियां भी भाग लेते हुए भारत के कोल ब्लाॅक हासिल कर सकती हैं। ऐसा इसलिए संभव हैं क्योंकि केन्द्र सरकार ने कोल सेक्टर में शत प्रतिशत विदेशी पूंजी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी दे रखी है। यहां बताना होगा कि विश्व की टाॅप 10 कोल कंपनियों में 5 चीन की हैं। इधर, सूत्रों ने बताया है कि कोल ब्लाॅक की नीलामी में दूसरेे देशों की कोल कंपनियों की खास रूचि नहीं है।

ऐसे में कोल सेक्टर में खासा दखल रखने वाली चीन की कंपनियां देश के कोल ब्लाॅक को हासिल करने में रूचि दिखा सकती हैं। सीमा चीन के साथ तनातनी के बाद पुरे मुल्क में चीन और चीनी सामानों की मुखालफत हो रही है। इसके बीच कोयल मंत्रालय के बड़े अफसर का बयान कुछ और कहानी कहता है।

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