कोरबा (IP News). देश के कोयला उद्योग में तीन दिवसीय महाहड़ताल की तैयारी पूरी हो चुकी है। गुरुवार की सुबह पौ फटते ही हड़ताल का आगाज हो जाएगा। श्रमिक संगठनों ने रणनीति ऐसी तैयार की है कि एक भी कर्मचारी की कार्य स्थल पर दस्तक नहीं होगी। इधर, हड़ताल को प्रभावित करने और कामगारों में कार्रवाई की दहशत लाने कोल कंपनियों के प्रबंधनों ने इमरजेंसी डयूटी का आदेश निकाल इसमें 40 फीसदी से ज्यादा कर्मियों को संलग्न कर दिया है। साथ ही चेतावनी दी है कि इसकी अवहेलना करने पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा। चार्जशीट थमायी जाएगी और सस्पेंड कर दिया जाएगा।
कमर्शियल माइनिंग के विरोध सहित अन्य चार मुद्दों को लेकर 2, 3, 4 जुलाई को होने जा रही हड़ताल का कोल इंडिया और इसकी अनुषांगिक कंपनियों में व्यापक असर पड़ने की पूरी संभावना है। पांचो केन्द्रीय यूनियन बीएमएस, एमचएमएस, सीटू, एटक के सहित दर्जनभर से ज्यादा संगठनों ने हड़ताल को अपना समर्थन दिया है। हड़ताल को सफल बनाने सीआईएल की सभी अनुषांगिक कंपनियों में जोरदार तैयारी की गई है। इस दफे कामगार भी सरकार के कमर्शियल माइनिंग के फैसले से बेहद खफा हैं। ऐसे में माना जा रहा है यह हड़ताल ऐतिहासिक रूप ले सकती है।
गेवरा, दीपका, कुसमुंडा, कोरबा प्रोजेक्ट में पड़ेगा खासा प्रभाव
सीआईएल की सबसे बड़ी सहयोगी कंपनी एसईसीएल की चारों परियोजनाओं में हड़ताल को लेकर श्रमिक संगठनों में घेराबंदी की नीति बना रखी है। गेवरा क्षेत्र के बीएमएस नेता लक्ष्मण चन्द्रा ने बताया कि गेवरा व दीपका माइंस में सुबह पांच बजे से घेराबंदी शुरू कर दी जाएगी। खदान में कोई भी व्यक्ति प्रवेश नही ंकर सकेगा। न ही कोयला उत्पादन होगा और न ही डिस्पेच। खदान से लेकर रोडसेल, केाल साइडिंग, सीएचपी, साइलो आदि क्षेत्रों में यूनियन के लोग तैनात रहेंगे। श्री चन्द्रा ने बताया कि ट्रांसपोटर्स का भी हड़ताल को समर्थन मिला है। सीटू के नेता वीएम मनोहर ने बताया कि श्रमिक संगठनों ने हड़ताल को लेकर वातावरण तैयार किया है। इंटक नेता गोपाल नारायण सिंह ने कहा कि कामगारों में सरकार के प्रति बेहद गुस्सा है। ऐसे में हड़ताल की सफलता तय है।
अफसरों का साइलेंस सपोर्ट
सूत्रों ने बताया है कि ज्यादातर कोल अफसरों का हड़ताल को आंतरिक समर्थन है। कुछ अधिकारियों ने यूनियन से कह रखा है कि वे सब देखेंगे जरूर, लेकिन कार्रवाई जैसी कोई स्थिति उत्पन्न नहीं करने का प्रयास करेंगे।
यहां होगी हड़ताल
कोल इंडिया मुख्यालय, एसईसीएल, ईसीएल, बीसीसीसीएल, सीसीएल, डब्ल्यूसीएल, एमसीएल, एनसीएल, एनईसी, सीएमपीडीआईएल, डीसीसी, एससीसीएल