अंग्रेजी अखबार बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक के एक अधिकारी ने बताया कि नियामक की मंजूरी के बाद व्हाट्सऐप अपने डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म Whatsapp Pay को चरणों में पूरे भारत में लॉन्च कर पाएगी।
इस शर्त पर मिली मंजूरी
दरअसल व्हाट्सऐप ने डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म के लिए काफी पहले से आवेदन किया था लेकिन मंजूरी इसे तब मिली है जब कंपनी ने डेटा लोकलाइजेशन यानी सार डेटा स्थानीय स्तर पर स्टोर करने की शर्त मानी है। पहले चरण में व्हाट्सऐप भारत में एक करोड़ यूजर्स को पेमेंट सर्विस की सुविधा दे पाएगी। अन्य शर्तों के मानने के बाद कंपनी अपने सभी यूजर्स के लिए यह फीचर रोलआउट कर पाएगी।
देश का सबसे बड़ा डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म
सभी यूजर्स को रोलआउट करने के बाद यह देश का सबसे बड़ा डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म बन जाएगा। भारत में व्हाट्सऐप के 40 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं। व्हाट्सऐप ने फरवरी 2018 में आईसीआईसीआई बैंक के साथ मिलकर 10 लाख यूजर्स के लिए डिजिटल पेमेंट की सुविधा शुरू की थी। हालांकि, कंपनी उसके बाद से ही नियामक यानी NPCI की मंजूरी का इंतजार कर रही थी। यह सर्विस यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस पर आधारित है जो कि एनपीसीआई द्वारा विकसित किया गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने एनपीसीआई को निर्देश दिया था कि जब तक WhatsApp Pay डेटा लोकलाइजेशन की शर्त का पूरी तरह से पालन करने के लिए तैयार न हो जाए उसे डिजिटल पेमेंट सर्विस लॉन्च करने की इजाजत न दी जाए।