नासा ने एलान किया है कि वह चांद की चट्टानों को निजी कंपनियों से खरीदना चाहती है, ताकि चांद पर खनन के कार्यों को शुरू किया जा सके। अंतरिक्ष एजेंसी कंपनियों से प्रस्ताव ले रही है कि वे रोवर्स का उपयोग करके चंद्रमा से मिट्टी और पत्थरों को कैसे एकत्र करेंगे।
नासा ने योजना बनाई है कि वह 50 से 500 ग्राम के नमूनों को खरीदने के लिए 15 हजार और 25 हजार डॉलर तक की राशि का भुगतान करेगी। नासा ने कहा, चंद्रमा की चट्टानों और मिट्टी को इकट्ठा करना और उसे नासा को सौंपना चंद्रमा पर अंतरिक्ष व्यापार शुरू करने के लिए अवधारणा का प्रमाण होगा।
दूसरे शब्दों में कहें तो, इस पहल से भविष्य में ‘अंतरिक्ष उद्यमियों’ द्वारा खनन कार्य कैसे किया जाएगा, इसके लिए शुरुआती सिद्धांतों को स्थापित करने में मदद मिलेगी। वहीं, इस पहल से भविष्य के लिए अंतरिक्ष अभियानों में भी मदद मिलेगी।
NEWS: @NASA is buying lunar soil from a commercial provider! It’s time to establish the regulatory certainty to extract and trade space resources. More: https://t.co/B1F5bS6pEy pic.twitter.com/oWuGHnB8ev
— Jim Bridenstine (@JimBridenstine) September 10, 2020
नासा चाहता है कि 2024 से पहले स्वामित्व की वापसी और हस्तांतरण हो, क्योंकि वह इस दौरान तक मानव को फिर से चांद की सतह पर उतारने की योजना बना रहा है। कंपनियों को चांद की सतह पर चंद्रमा की धूल या चट्टानों को इकट्ठा करना होगा, हालांकि उन्हें पृथ्वी पर वापस नहीं भेजना होगा।
प्रत्येक कंपनी को उनके द्वारा इकट्ठा किए गए नमूनों की तस्वीरों को नासा को भेजना होगा। इसके अलावा, इन नमूनों को कहां से इकट्ठा किया गया और इससे संबंधित डाटा भी अंतरिक्ष एजेंसी को सौंपना होगा।
नमूनों को 50 से 500 ग्राम के बीच होना चाहिए और भविष्य के मिशन द्वारा संग्रह के लिए तैयार होना चाहिए। नासा बाद की तारीख में संग्रह के तरीकों का निर्धारण करेगी। एक ब्लॉग पोस्ट में नासा के प्रशासक जिम ब्रिडेनस्टाइन ने कहा, हम अपनी नीतियों को खोज के एक नए युग में लाने के लिए लगा रहे हैं, जिससे मानव सभ्यता को खासा लाभ होगा।
ब्रिडेनस्टाइन ने कहा, आर्टेमिस के हिस्से के रूप में वाणिज्यिक भागीदारी का लाभ उठाने से हमारी स्थायी, अभिनव, और कम दर में सुरक्षित रूप से चंद्रमा पर लौटने की क्षमता बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि नासा की योजनाएं 1967 की बाहरी अंतरिक्ष संधि का उल्लंघन नहीं करेंगी, जो मानती है कि आकाशीय निकाय और अंतरिक्ष स्वामित्व के राष्ट्रीय दावों से मुक्त हैं।