कोरबा (IP News). भारत एल्यूमिनियम मजदूर संघ (इंटक) को पुनः भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) में प्रतिनिधि संघ होने का दर्जा मिल गया है। छत्तीसगढ़ राज्य में औद्योगिक संबंध अधिनियम, 1960 के बहाल होने के बाद बालको इंटक पहला श्रमिक संगठन है, जिसे इस अधिनियिम के तहत मान्यता प्रदान की गई है।
यहां बताना होगा कि भाजपा की रमन सरकार ने 2012 में छग औद्योगिक संबंध अधिनियम, 1960 को दरकिनार कर इसके दायरे से 24 उद्योगों को बाहर कर दिया था। इनमें एल्यूमिनियम, बिजली, स्टील, सीमेंट आदि उद्योग सम्मिलित थे। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद प्रदेश इंटक ने पुराने अधिनियम को बहाल करने की मांग रखी थी। भूपेश सरकार द्वारा उक्त अधिनियम को बहाल किए जाने के बाद भारत एल्यूमिनियम मजदूर संघ (इंटक) ने रजिस्ट्रार के समक्ष प्रतिनिधि यूनियन के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था। बालको इंटक के साथ ही बालको बीएमएस एवं एचएमएस ने भी प्रतिनिधि संघ के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था। सहायक श्रमायुक्त द्वारा सदस्य संख्या सहित अन्य अहर्ताओं का सत्यापन किया गया। सत्यापन में बीएमएस एवं एचएमएस के आवेदन निरस्त हो गए। बालको में इंटक पहले भी प्रतिनिधि यूनियन के रूप में मान्य था।
प्रदेश इंटक अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि रमन सरकार के दौरान लागू आईडी एक्ट से श्रमिकों का अहित हो रहा था। इसके तहत विवाद की स्थिति में ंसीधे कोर्ट नहीं जा सकते थे। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनते ही हमने पुराने एक्ट को बहाल करने की मांग उठाई थी। मुख्यमंत्री ने मांग को मानते हुए छग औद्योगिक संबंध अधिनियम, 1960 को बहाल किया। दूसरे उद्योगों में भी इंटक द्वारा प्रतिनिधि संघ के तौर पर मान्यता देने आवेदन प्रस्तुत किए गए हैं।