रायपुर। अब CSPDCL (छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी) में कार्यरत जूनियर इंजीनियर दफ्तरों के कामकाज से मुक्त हो जाएंगे, उन्हें फील्ड में जाकर बिजली उपभोक्ताओं से संवाद करना होगा। इसी तरह, हाफ बिजली बिल का लाभ उपभोक्ताओं तक समुचित ढंग से पहुंचाने के लिए बिजली संबंधी जागरुकता के प्रयास किए जाएंगे। यह खुलासा CSPDCL के नवनियुक्त MD हर्ष गौतम ने ‘हरिभूमि डॉट कॉम’ से बातचीत में किया है। उन्होंने कहा, कि आम बिजली उपभोक्ताओं तक बिजली संबंधी सुविधाएं ज्यादा से ज्यादा पहुंचाने की रणनीति को प्राथमिकता देते हुए CSPDCL काम करेगी। बिजली बिल हाफ राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना रही है, लेकिन इसके लागू होने के बावजूद बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़ के बिजली उपभोक्ता इस लाभ से वंचित क्यों हैं? इस सवाल पर MD गौतम कहते हैं कि जो उपभोक्ता लगातार दो माह तक बिजली बिल समय पर जमा नहीं कर रहे हैं, केवल वही इस योजना के लाभ से वंचित हैं। इसके लिए जरूरी होगा कि बिजली बिल सही समय पर जमा करने के लिए उपभोक्ताओं को जागरूक किया जाए।

MD हर्ष गौतम ने कहा कि CSPDCL और उपभोक्ताओं के बीच संवादहीनता की स्थिति को दूर करते हुए इस समस्या का समाधान निकाला जाएगा। MD श्री गौतम ने अपनी भावी और महत्वपूर्ण रणनीति के बारे में खुलासा करते हुए बताया कि CSPDCL की कार्यप्रणाली में कुछ परिवर्तन किए जाएंगे, जिसके अंतर्गत अब दफ्तरों में तैनात जूनियर इंजीनियर्स को कार्यालयीन दायित्वों से मुक्त करते हुए मैदानी जिम्मेदारी दी जाएगी। MD श्री गौतम ने बताया कि अब जूनियर इंजीनियर उपभोक्ताओं के बीच जाएंगे। वे बिजली संबंधी शासन की नीतियों, CSPDCL की कार्यप्रणाली और बिजली बचत करने के उपायों आदि के विषयों पर उपभोक्ताओं के साथ बाचतीत करेंगे और उन्हें जागरुक करेंगे।

इतना ही नहीं, जूनियर इंजीनियर्स इस संवाद के साथ-साथ मैदानी स्तर पर बिजली संबंधी सुविधाओं की स्थिति का जायजा भी लेंगे। जूनियर इंजीनियर्स इस संबंध में मुख्यालय को रिपोर्ट करेंगे, ताकि उस रिपोर्ट के आधार पर आवश्यकतानुसार दुरुस्तीकरण की जा सके। तमाम कोशिशों के बावजूद आम उपभोक्ता अनाप-शनाप बिलिंग से परेशान है। इसके सुधार के लिए CSPDCL क्या कदम उठाने जा रही है? इस सवाल का जवाब देते हुए MD श्री गौतम ने खास जानकारी दी है कि बिलिंग के लिए नए सिरे से टेंडर की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

अभी आउटसोर्स पर जो एजेंसियां काम कर रही हैं, उनके मीटर रीडर्स पर विभाग का ऐसा प्रॉपर कंट्रोल नहीं है कि वे उपभोक्ता के घर पर मौजूद रहकर रीडिंग भेज रहे हैं या कहीं और से, यह जाना जा सके। लेकिन, नए टेंडर के बाद जो एजेंसी यह काम करेगी, उसे जियो टैग लोकेशन के अंतर्गत काम करना होगा, यानी मीटर रीडर की रिपोर्टिंग लोकेशन विभाग की जानकारी में रहेगा। MD श्री गौतम का मानना है कि इस व्यवस्था से बिजली बिल में त्रुटि की शिकायत काफी हद तक कम हो जाएगी, और धीरे से इसको जीरो एरर की स्थिति में ले आएंगे। आपको बता दें कि CSPDCL को लंबे समय बाद MD के पद पर हर्ष गौतम के रूप में एक ऐसे अफसर की तैनाती हुई है, जो मूल रूप से इंजीनियर हैं तथा फील्ड के साथ-साथ आधुनिक तकनीक और बिजली वितरण प्रणाली की खासी जानकारी रखते हैं।

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