रायपुर (आईपी न्यूज़)। छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों सहित अन्य लोगों को क्वारेंटाइन करने केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों में बड़ी संख्या में शासकीय विद्यालयों के शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। इधर, छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने कहा है कि इन क्वारेंटाइन में ली जा रही सेवाओं को लेकर किसी प्रकार की कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। चूंकि प्रवासी श्रमिक ऐसे राज्यों से आ रहे हैं, जो कोरोना वायरस से खासे प्रभावित हैं।
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा, प्रदेश संयोजक सुधीर प्रधान, वाजीद खान, प्रदेश उपाध्यक्ष हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, प्रदेश सचिव मनोज सनाढ्य, प्रदेश कोषाध्यक्ष शैलेन्द्र पारीक ने सयुंक्त रूप से कुछ सवाल उठाए हैं।
- इनका रिस्क कवर कौन करेगा?
- इन मजदूरों के बीच शिक्षक अपने आपको किस तरह सुरक्षित रखेंगे?
- यदि शिक्षक भी संक्रमित हुए तो इनकी जवाबदारी कौन लेगा?
- इनके भविष्य के बीमा की क्या योजना है ?
क्या शिक्षकों को भी स्वास्थ व पुलिस सेवा के कर्मियो की भांति सुविधाए मिलेंगी? - शिक्षक क्वारेंटाइन सेन्टर से वापस जब घर / अपने गांव या शहर लौटेंगे तो इनसे अन्य के संक्रमित होने का खतरा है अथवा नहीं?
- इन सब सवालों का उत्तर जरूरी है अन्यथा सेवा के नाम पर हम फिर से नए खतरे को जन्म दे रहे हैं ?
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने की मांग है कि शासन व प्रशासन द्वारा शिक्षकों के लिए भी 50 लाख रुपये के बीमा का प्रावधान किया जाए।