रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र से पहले विधायकों के कोरोना टेस्ट कराने से इनकार के बाद विधानसभा सचिवालय ने इसे स्थगित कर दिया है। मंगलवार 25 अगस्त से शुरू हो रहे मानसून सत्र में अब विधायक बगैर टेस्ट कराए ही विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेंगे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए विधानसभा ने तय किया था कि परिसर में प्रवेश से पहले सभी विधायकों का कोरोना टेस्ट सत्र शुरू होने के दो दिन पूर्व किया जाएगा।
यह टेस्ट विधायकों के डर का कारण बन गया है। एक दर्जन से ज्यादा विधायकों को यह डर है कि जांच में वो पॉजिटिव आ गए, तो फिर क्या होगा। हालांकि अधिकतर में कोई लक्षण नजर नहीं आ रहे, लेकिन अधिकतर विधायकों का यह भी कहना है कि टेस्ट कराने पर बगैर लक्षण के भी पॉजिटिव पाया गया है। विधायकों का कहना है कि अगर कोरोना पॉजिटिव पाए जाते हैं, तो उनको अस्पताल में भर्ती होना होगा। साथ ही अस्पताल से छूटने के बाद 14 दिन तक होम क्वारेंटाइन भी रहना होगा।
ऐसे में उनका पूरा कामकाज प्रभावित हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि विधानसभा के मानसून सत्र के पहले विधायकों को काेरोना टेस्ट कराने का निर्णय विधानसभा ने लिया था। 23 अगस्त को विधानसभा परिसर में सभी विधायकों को उपस्थित होने के लिए सूचना भी जारी की गई थी। विधायकों ने सूचना जारी होने के बाद इस प्रकार के टेस्ट को लेकर असहमति जताई, तब विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत के हस्तक्षेप के बाद विधायकों का सत्र से पहले कोरोना टेस्ट कराने के निर्णय को वापस ले लिया गया है।