नई दिल्ली। जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल के खिलाफ Enforcement Directorate- ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने बुधवार को मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने बुधवार उनसे लंबी पूछताछ भी की, जिसके बाद एजेंसी की टीम गोयल को लेकर उनके मुंबई स्थित घर पहुंची और यहां छापे मारे। Economic Times ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि गोयल के खिलाफ मुंबई पुलिस के पास दर्ज एक शिकायत के आधार पर Prevention of Money Laundering Act (PMLA) में केस दर्ज किया गया है। बता दें कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन ऑफिस (SFIO) और ED जेट एयरवेज़ की जांच कर रहे हैं। IT विभाग टैक्स धोखाधड़ी, ED FEMA के तहत मनीलॉन्ड्रिंग केस और SFIO कंपनी के आंतरिक मामलों की जांच कर रही है।
ट्रैवल कंपनी ने दर्ज कराई थी शिकायत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक ट्रैवल कंपनी ने गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल के खिलाफ 46 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया था और FIR दर्ज कराई थी। इसी FIR का संज्ञान लेते हुए ED ने गोयल दंपती और जेट एयरवेज के खिलाफ केस दर्ज किया है।
मुंबई पुलिस ने 18 फरवरी को जारी एक अदालत के आदेश के आधार पर नरेश गोयल और उनकी पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। यह शिकायत अकबर ट्रैवल्स ऑफ इंडिया प्रआवेट लिमिटेड के Chief Financial Officer (CFO) दर्ज कराई थी। ट्रैवल एजेंसी ने आरोप लगाया कि जेट एयरवेज ने वित्तीय संकट को छिपाया और ट्रैवल एजेंसी को आश्वासन दिया कि उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा। ट्रैवल एजेंसी ने आरोपियों के आश्वासन पर सस्ती दरों पर मैनचेस्टर-मुंबई उड़ान के टिकट बेचे। हालांकि, जनवरी 2019 में, कुछ जेट उड़ानों को रद्द कर दिया गया, जिससे शिकायतकर्ता को आरोपी से संपर्क करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
ED जेट के 12 साल के वित्तीय लेन-देन (financial deals) की जांच कर रही है। फेमा केस में गोयल, उनकी पत्नी और बेटे से भी कई बार पूछताछ हो चुकी है। पिछले साल अगस्त में भी जांच एजेंसी ने गोयल के आवास पर छापेमारी की थी। इस दौरान उनकी 19 कंपनियों से जुड़े संदिग्ध लेन-देन (suspicious transactions) की जानकारी मिली थी। इनमें से 14 फर्म भारत और 5 विदेश में हैं। यह कंपनियां ऐसे देशों में हैं, जिन्हें टैक्स हैवन माना जाता है। आरोप है कि गोयल ने बंद हो चुकी अपनी एयरलाइन के जरिए लेन-देन में गड़बड़ी की।
बता दें कि नरेश गोयल ने पिछले साल मार्च में जेट एयरवेज के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 14 अप्रैल को एयरलाइन ने वित्तीय संकट का हवाला देकर ऑपरेशन बंद कर दिया। जेट की उड़ानें बंद होने से इसमें काम करने वाले हजारों कर्मचारी बेरोजगार हो गए थे।