ESPN Cricinfo के मुताबिक इसके पीछे कई वजह है जिसमें आईसीसी और अधिक वर्ल्ड टूर्नामेंट के आयोजन करना चाहता है और बीसीसीआई ने भी इस सीजन में अधिक द्विपक्षीय मुकाबलों की मांग की है। इसके अलावा दुनिया भर में टी20 लीग लगातार बढ़ रही हैं और पांच दिवसीय मैच की मेजबानी में होने वाला खर्च भी शामिल है। अगर 2015-2023 सीजन में चार दिवसीय टेस्ट मैच खेले जाते तो खेल से 335 दिन बच जाते। चार दिवसीय टेस्ट कोई नई अवधारणा नहीं है। इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड और आयरलैंड ने चार दिवसीय टेस्ट खेला था। इससे पहले 2017 में दक्षिण अफ्रीका और जिम्बाब्वे ने भी ऐसा ही मैच खेला था।
चार दिन के टेस्ट को लेकर जल्द हो सकता है फैसला
ये ऐसा मुद्दा है जिस पर खेल से जुड़े हितधारक अलग-अलग दृष्टिकोण रख सकते हैं। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख केविन रॉबर्ट्स को लगता है कि चार दिवसीय टेस्ट पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए। रॉबर्ट्स ने बताया, ‘ये ऐसा मुद्दा है जिस पर हमें इस सप्ताह गंभीरता से विचार करना होगा। इस मामले पर भावनाओं से ऊपर उठना होगा, लेकिन इसे तथ्यों के हिसाब से देखा जाना चाहिए। हमें समय और ओवर के संदर्भ में ये देखने की जरूरत है कि पिछले पांच-दस सालों में टेस्ट मैचों की औसत लंबाई क्या रही है।’
‘पेन चार दिन के टेस्ट से बहुत खुश नहीं’
ऑस्ट्रेलिया के कप्तान टिम पेन हालांकि इस विचार से बहुत उत्साहित नहीं हैं। उन्होंने मेलबर्न में न्यूजीलैंड के खिलाफ मिली 247 रन की जीत के बाद कहा, ‘अगर ऐसा होता तो एशेज सीरीज में हमें जो नतीजे मिले वे नहीं मिलते। मुझे लगता है हर मैच पांचवें दिन तक चला था।’ पेन ने कहा, ‘टेस्ट क्रिकेट को यही अलग बनाता है, ये पांच दिनों का होता है और मानसिक और शारीरिक रूप से मुश्किल होता है। ये फर्स्ट क्लास में चार दिवसीय मैच के मुकाबले खिलाड़ियों की अधिक परीक्षा लेता है। मुझे लगता है शायद इसी सोच से इसे ऐसा रखा गया है, उम्मीद है कि ये बरकरार रहेगा।’