केरल के त्रिवेंद्रम इंटरनेशनल एयरपोर्ट का ठेका अदानी समूह को दिए जाने पर राजनीतिक विवाद बढ़ता जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी को केरल के सीएम पिनराई विजयन की ओर से खत लिखे जाने के बाद अब सूबे की विधानसभा ने इस फैसले के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है। सोमवार को विधानसभा ने एयरपोर्ट को अदानी समूह को दिए जाने के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया। चीफ मिनिस्टर पिनराई विजयन ने कहा कि केंद्र सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए और एयरपोर्ट का मैनेजमेंट स्पेशल पर्पज वीकल को सौंपना चाहिए, जिसमें राज्य सरकार को भी हिस्सेदारी दी जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भी एयरपोर्ट के टेंडर के लिए उतनी ही कीमत देने की बात कही थी, जितनी अदानी इंटरप्राइजेज ने बोली लगाई है। ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से एयरपोर्ट के निजीकरण के फैसले को सही नहीं कहा जा सकता।
सरकार के इस प्रस्ताव का यूं तो विपक्ष ने भी समर्थन में किया, लेकिन सदन में नेता विपक्ष रमेश चेन्निथला ने पिनराई सरकार पर दोहरा रवैया अपनाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक तरफ पिनराई सरकार एयरपोर्ट के निजीकरण के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर रही है, लेकिन दूसरी तरफ वह अदानी समूह की करीबी लॉ फर्म को कंसल्टिंग की जिम्मेदारी दे रही है। बता दें कि पिछले सप्ताह हुई कैबिनेट मीटिंग में जयपुर और त्रिवेंद्रम समेत तीन हवाई अड्डों को अदानी समूह को सौंपे जाने को मंजूरी दी गई थी। उसके तुरंत बाद सीएम पिनराई विजयन ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर केंद्र सरकार के फैसले का विरोध जताया था।
यही नहीं विजयन ने पीएम नरेंद्र मोदी से कहा था कि यह फैसला राज्य की सलाह से नहीं लिया गया है, ऐसे में एयरपोर्ट के संचालन में हमारी ओर से सहयोग की अपेक्षा नहीं की जा सकती। बीते सप्ताह हुई कैबिनेट मीटिंग में जयपुर, त्रिवेंद्रम और गुवाहाटी एयरपोर्ट का ठेका अदानी समूह को दिए को मंजूरी दी गई थी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया था कि अदानी ग्रुप को एयरपोर्ट्स का संचालन दिए जाने से एयरपोर्ट अथॉरिटी को कुल 1,070 करोड़ रुपये की रकम मिलेगी।
ये तीन हवाई अड्डे भी जा सकते हैं अदानी के पास: इन हवाई अड्डों के ऑपरेशन, मैनेजमेंट और डिवेलपमेंट की जिम्मेदारी अदानी समूह को 50 साल तक के लिए दी गई है। यही नहीं आने वाले दिनों में अहमदाबाद, लखनऊ और मंगलुरू एयरपोर्ट का संचालन भी अदानी समूह के हाथों में जा सकता है। ग्रुप ने बीते साल इन सभी 6 एयरपोर्ट्स के संचालन के ठेके के लिए सबसे ऊंची बोली लगाई थी।