कोरबा (आईपी न्यूज)। नई दिल्ली में प्रदूषण को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। भारत की राजधानी या कोई और बड़े शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का स्तर 200 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर को पार करते ही पुरे देश में चर्चा शुरू हो जाती है। कोरबा एक ऐसा शहर है जहां का एक्यूआई 300 से 400 के बीच बने रहता है, लेकिन इस ओर कोई संज्ञान नहीं लेता। कई बार इसका स्तर तो 400 को भी पार कर जाता है। जैसा की तीन दिन पहले कुसमुण्डा और एनटीपीसी-एचटीपीपी एरिया में हुआ। इन दोनों स्थानों पर एक्यूआई का लेवल 430 से ज्यादा दर्ज किया गया। कोरबा के विभिन्न स्थानों पर एक्यूआई के साथ की पीएम (पार्टिकुलेट मेटर) 2.5 एवं पीएम 10 का स्तर भी इंडियन नेशनल स्टैंडर्स से कहीं अधिक रहता है। निजी संस्था सार्थक द्वारा ग्रीन पीस व एनवायरोनिक्स ट्रस्ट के सहयोग से शहरी क्षेत्र में 14 स्थानों पर आधुनिक प्रदूषण मापक यंत्र लगाए गए हैं। इसके जरिए जो आंकड़े प्राप्त हो रहे हैं वो बताते है कि कोरबा के प्रदूषण का स्तर बेहद गंभीर स्थिति में पहुंच गया है। मंगलवार, 5 नवम्बर को रविशंकर नगर, दर्री-एनटीपीसी- एचटीपीपी, आरपी नगर क्षे़त्र में एक्यूआई क्रमशः 399, 394, 369 के स्तर पर रहा। बालनकोनगर परसाभाठा में एक्यूआई 318, टीपी नगर व खरमोरा औद्योगिक परिक्षेत्र में AQI का स्तर 303-303 था। कोरबा शहर के दुरपा रोड एरिया में 232 एक्यूआई दर्ज हुआ। 5 नवम्बर को दर्री- एनटीपीसी- एचटीपीपी क्षेत्र में पीएम 10 का लेवल 425 तथा पीएम 2.5 का स्तर 394 था। रविशंकर शुक्ल नगर क्षेत्र में पीएम 10 का लेवल 393 तथा पीएम 2.5 का स्तर 245 रिकार्ड किया गया। आरपी नगर क्षेत्र में यह आंकड़ा 330 पर था। टीपी नगर में पीएम 10 का स्तर 257 व बालकोनगर के परसाभाठा एरिया में 239 के लेवल पर था। प्रदूषण की गंभीर स्थिति को दर्शाने वाले इन आंकड़ों को पर्यावरण संरक्षण मंडल अलग नजरिए से देखता है। सरकारी विभाग के प्रदूषण के स्तर की कहानी कुछ और होती है। सोमवार को शहर में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत ने भी कोरबा के प्रदूषण को लेकर चिंता जाहिर की थी और इससे सर्तक रहने कहा था। यहां बताना होगा कि कोरबा मेें प्रदूषण की जो गंभीर स्थिति है वो मानव जीवन को खतरे में डाल रही है। साथ ही पशु पक्षीयों व पर्यावरण पर भी इसका खासा असर पड़ रहा है।
कितना होना चाहिए एक्यूआई और पीएम 2.5 व पीएम 10 का स्तर
देश में इंडियन नेशनल एअर क्वालिटी स्टैंडर्स बना हुआ है। इसके अनुसार 0-50 तक का एक्यूआई स्तर यानी स्थिति बहुत अच्छी है। 51-100 का स्तर संतोषजनक। 101- 200 का स्तर बताता है कि प्रदूषण बढ़ रहा है। 201- 300 का स्तर यानी स्थिति खराब। 301- 400 का लेवल बहुत खराब तथा 400 या इससे अधिक का स्तर प्रदूषण के गंभीर हालात को दर्शाता है। पीएम 2.5 का स्तर 0- 30 तक है तो वातावरण बहुत अच्छा है। 31- 60 संतोषजनक, 61- 90 प्रदूषण का दायरा बढ़ रहा है। 91- 120 खराब एवं 121- 250 बुहत खराब तथा 250 से अधिक का स्तर गंभीर स्थिति की श्रेणी में आता है। पीएम 10 का स्तर 0 से 50 बेहतर, 51- 100 संतोषजनक। 101- 250 प्रदूषण का बढ़ना, 251- 350 का स्तर खराब तथा 351- 430 का लेवल बहुत खराब। पीएम 10 का लेवल 430 के उपर हैं तो हालात गंभीर हैं।