रायपुर. मंगलवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हुआ. सत्र के प्रारंभ में दिवंगत अजीत जोगी को सदन में श्रद्धांजलि दी गई. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि अजीत जोगी सपना देखा करते थे और उन सपनों को पूरा किया करते थे. जब उन्होंने सरकार संभाली तब अनेक संकट थे.फिर भी उन्होंने बेहतर ढंग से वित्तीय प्रबंधन किया. अजीत जोगी के भाषण हम लोग सुनते रहे. उनका लंबा अनुभव रहा उनके अनुभव का लाभ हमें मिला. अजीत जोगी के साथ काम करने का अवसर मिला. हम सभी की स्मृतियां उनके साथ हैं. ऐसा कोई सदस्य नहीं है जिनका उनसे व्यक्तिगत अनुभव ना रहे.
मरवाही जैसे सुदूर अंचल से निकलकर प्रदेश और देश की राजनीति में उन्होंने अपना स्थान बनाया. यह उनकी इच्छाशक्ति और सक्रियता का ही परिणाम रहा है. कई बार उन्होंने मेडिकल साइंस को भी फेल कर दिया. ऐसी विषम परिस्थितियों के बावजूद लगातार वे मेडिकल साइंस की मान्यताओं को भी झूठा साबित कर दिया. अंतिम समय तक भी वह सक्रिय रहे. अजीत जोगी बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे. ना सिर्फ राजनीति बल्कि धर्म अध्यात्म समेत अनेक विषयों पर उनकी गहरी पकड़ थी. उनके परिवार को अपूरणीय क्षति हुई है. पूरे प्रदेश को पूर्ण क्षति हुई है. मैं शोकाकुल परिवार को दुख सहने की क्षमता प्रदान करें ऐसी ईश्वर से कामना करता हूं.
सदन में डीपी धृतलहरे को भी श्रद्धांजलि दी गई. सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि डीपी धृतलहरे काफी सक्रिय नेता थे. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की विधानसभा में उनके साथ काम करने का अवसर मिला. सामाजिक रुप से और क्षेत्र के विकास के लिए भी वे सक्रिय रहा करते थे. हमेशा संघर्ष करते रहे उनके जाने से अपूरणीय क्षति हम सबको हुआ. वन मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के रूप में उन्होंने जो काम किया वह हमेशा याद किए जाएंगे. सीएम भूपेश बघेल ने भारत-चीन सीमा में शहीद हुए जवानों को भी श्रद्धांजलि दी.
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