नई दिल्ली।  बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने मंगलवार को कहा कि देश में 2030 तक कुल बिजली उत्पादन क्षमता में स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की हिस्सेदारी करीब 60 प्रतिशत होगी। सिंह ने यह भी कहा कि 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 5,10,000 मेगावाट पहुंच जाएगी। इसमें पनबिजली क्षेत्र की 60,000 मेगावाट क्षमता शामिल है।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल सितंबर में संयुक्त राष्ट्र राष्ट्रीय जलवायु कार्यवाही शिखर सम्मेलन में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 2022 तक 1,75,000 मेगावाट से बढ़ाकर 2030 तक 4,50,000 मेगावाट करने के लक्ष्य की घोषणा की थी। ‘द एनर्जी रिसोर्स इंस्टीट्यूट (टेरी) द्वारा आयोजित वेबिनार (इंटरनेट के माध्यम से होने वाला सेमिनार) में भाग लेते हुए मंत्री ने कहा, ‘‘…वर्ष 2030 तक हमारी कुछ बिजली उत्पादन क्षमता में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत होगी और यह एक मोटे अनुमान पर आधारित है।’’ उन्होंने कहा कि 2030 तक 4,50,000 मेगावाट सौर और पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से आएंगे।

इसके अलावा 60,000 मेगावाट पनबिजली क्षेत्र से आएगा। स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में हुई प्रगति के बारे में जानकारी देते हुए सिंह ने कहा कि देश में निर्माणधीन और पनबजली परियोजनाओं को मिलाकर स्वच्छ ऊर्जा क्षमता 1,90,000 मेगावाट है जो 2022 तक 1,75,000 मेगावाट के लक्ष्य से कहीं अधिक है।वेबिनार के दौरान मंत्री ने ‘रिन्यूबल पावर पाथवे: मॉडलिंग द इंटिग्रेशन ऑफ विंड एंड सोलर इन इंडिया बाई 2030’ शीर्षक से रिपोर्ट भी जारी किया। इसके अलावा उन्होंने ‘बेंडिंग द कर्व: 2025 फोरकास्ट फॉर इलेक्ट्रिसिटी डमिांड बाई सेक्टर एंड स्टेट इन द लाइट ऑफ कोविड ऐपिडेमिक’ शीर्षक से भी रिपार्ट जारी की। दोनों रिपोर्ट टेरी के नयी दिल्ली मुख्यालय मे स्थित शोध मंच‘ एनर्जी ट्रांजिशन कमीशन’ ने तैयार की है।

 

 

Source : NBT

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