कोरबा (आईपी न्यूज)। नगर पालिका परिषद, दीपका में 15 साल के भाजपा के वर्चस्व को कांग्रेस ने तोड़ दिया। बुधवार को हुए चुनाव में भाजपा से कम सीटें होने के बावजूद कांग्रेस अपना अध्यक्ष बनाने में कामयाब हो गई। दीपका में नगर पालिका परिषद के अस्तित्व में आने के बाद से ही यहां का अध्यक्ष पद भाजपा के कब्जे में रहा है। दो दफे बुगल दुबे और एक मर्तबा मनोज शर्मा अध्यक्ष बने हैं। इस बार कांग्रेस से अध्यक्ष उम्मीदवार संतोषी दीवान ने जीत दर्ज की। उन्होंने भाजपा की प्रत्याशी कुसुमलता कैवर्त को मात्र एक वोट के अंतर से पराजित किया। दीपका के कुल 21 वार्डों में हुए निकाय चुनाव में सर्वाधित 9 वार्डों पर भाजपा उम्मीदवार जीत कर आए थे। कांग्रेस के 6 तथा 5 पर निर्दलीयों ने बाजी मारी थी। एक वार्ड पर बसपा का हाथी चला था। वार्ड क्रमांक 14 से निर्दलीय पार्षद बनीं कुसुमलता कैवर्त ने भाजपा में वापसी कर ली थी। दरअसल पार्टी ने पहले कुसुमलता को टिकट दी थी, लेकिन बाद में टिकट काट कर दूसरे को थमा दी गई थी। कुसुमलता की वापसी के बाद भाजपा के पार्षदों की संख्या 10 हो गई थी। अध्यक्ष पद के लिए 11 पार्षदों की आवष्यकता थी। इधर, भाजपा के नेताओं ने दावा किया था कि वे अध्यक्ष बना रहे हैं। कांग्रेस भी अध्यक्ष पद पर काबिज होने की जुगत में थी। कांग्रेस के लिए थोड़ी राहत इसलिए थी कि पार्टी के केवल 6 पार्षद होने के बावजूद 4 निर्दलीय साथ थे। निर्दलीय मदन राजपूत पहले से ही कांग्रेस के साथ थे। वार्ड क्रमांक 10 से निर्दलीय निषा बंजारे, वार्ड क्र. 15 से नील कुसुम खेस एवं वार्ड क्र. 16 से निर्दलीय अंजना जायसवाल का रूझान भी कांग्रेस की ओर था। ये तीनों निर्दलीय महिला पार्षद कांग्रेसी नेता तनवीर अहमद के साथ थीं। इस तरह से कांग्रेस का आंकड़ा भी 10 पर पहुंच गया था। अध्यक्ष के चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में 11 वोट पड़े। यानि भाजपा के मुकाबले कांग्रेस पार्षदों को अपने पाले में करने में कामयाब रही। नगर पालिका परिषद, दीपका में भाजपा के एकाधिकार को तोड़ने में पूर्व विधायक बोधराम कंवर, विधायक पुरूषोत्तम कंवर के साथ ही तनवीर अहमद ने खासी भूमिका निभाई।