नई दिल्ली। देश में निजी ट्रेनों के परिचालन के लिए देश-विदेश की कई कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है। इसको लक्सर मंगलवार को पहली प्री-बिड बैठक हुई थी, जिसमें 16 कंपनियों ने हिस्सा लिया। जानकारी के अनुसार इनमें बॉम्बार्डियर, जीएमआर, वेदांता, भारत फोर्ज, बीएचईएल, आईआरसीटीसी, मेधा, सीएएफ, गेटवे रेल, स्टरलाइट पावर, राइट्स आदि कंपनियां शामिल थीं। हालांकि टाटा ग्रुप और अदाणी ग्रुप्स जैसी दिग्गज कंपनियां इस बैठक से दूर रहीं। लेकिन बैठक में हिस्सा नहीं लेने का मतलब यह नहीं है कि ये कंपनियां बिडिंग प्रोसेस में हिस्सा नहीं ले सकती हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में प्री-बिड बैठक का मकसद बोली लगाने वाली संभावित कंपनियों के साथ इससे जुड़े मुद्दों पर चर्चा करना और उनकी चिंताओं को दूर करना होता है। ऐसी दूसरी बैठक 8 अगस्त को होगी।
सूत्रों के मुताबिक बैठक में हिस्सा लेने वाली कंपनियों ने यह मुद्दा उठाया कि रेलवे पूर्व निर्धारित रूट और शेड्यूल्ड डिपार्चर टाइम की पेशकश कर रहा है। उनका कहना है कि सफल बोलीदाताओं के लिए इसे लचीला बनाया जाना चाहिए क्योंकि वे राइडरशिप का जोखिम उठाएंगे और उन्हें रेलवे के साथ राजस्व साझा करना होगा।
160 किमी की रफ्तार पर सवाल
बताया कि बैठक में हिस्सा लेने वाली कंपनियों ने यह भी पूछा कि रेलवे 160 किमी प्रति घंटे से ट्रेन चलाने को क्यों कह रहा है जबकि रेल ट्रैक इसके लिए तैयार नहीं हैं। रेलवे के निविदा दस्तावेज में कहा गया है कि 109 रूट पर सभी ओरिजिनेटिंग स्टेशन पर निजी कंपनियों को शेड्यूल डिपार्चर टाइम ऑफर किया जाएगा। इसमें यात्रा के कुल समय का भी जिक्र किया गया है।
हाई डेनसिटी कॉरिडोर
हाल में रेलवे बोर्डे के चेयरमैन वी के यादव ने कहा था कि निजी कंपनियों को ट्रेन चलाने की अनुमति देना एक व्यापक योजना का हिस्सा है। इसमें 11295 किमी के 7 हाई डेनसिटी कॉरिडोर को अपग्रेड करना शामिल है ताकि उन पर मार्च 2025 से 160 किमी की रफ्तार से ट्रेनें चलाई जा सकें। इनमें दिल्ली-हावड़ा, हावड़ा-मुंबई, मुंबई-दिल्ली, दिल्ली-गुवाहाटी, दिल्ली-चेन्नई, चेन्नई-हावड़ा और चेन्नई-मुंबई रूट शामिल हैं।
भारतीय रेलवे अप्रैल 2023 से निजी ट्रेनों की चरणबद्ध शुरुआत करना चाहती है।
Source : NBT