दिग्गज कारोबारी अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) की नियंत्रण वाली कंपनी वेदांता लिमिटेड (Vedanta Limited) भारतीय शेयर बाजार (Indian Share Market) से अपनी सूचीबद्धता खत्म करने के लिए डिलिस्टिंग ऑफर (delisting offer) लेकर आई थी जो फेल हो गई है। Vedanta अब भारतीय शेयर बाजार में सूचीबद्ध (Listed) रहेगी। इसे कंपनी के शेयरहोल्डर्स के लिए बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है। Vedanta ने शनिवार को एक स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि कंपनी का डिलिस्टिंग ऑफर फेल हो गया है। इस संबंध में रविवार को एक विज्ञापन जारी किया जाएगा और इसकी सूचना निवेशकों को दी जाएगी।
स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में Vedanta ने कहा कि कंपनी को 125.47 करोड़ शेयरों के लिए बिड मिली। जबकि उसे शेयर बाजार से डिलिस्ट (Delist) होने के लिए 134 करोड़ शेयरों की जरूरत थी। ऐसे में कंपनी का यह ऑफर फेल हो गया है। इसके बाद कंपनी ने खुद को डिलिस्ट करने के लिए बाजार नियामक SEBI से एक दिन का समय मांगा पर सेबी ने उसे अतिरिक्त समय देने से मना कर दिया। शुक्रवार को SEBI ने डिलिस्टिंग ऑफर के लिए समय बढ़ाकर इसे सात बजे तक कर दिया था। वेदांता के प्रमोटर यदि शेयरधारकों के पास मौजूद कुल 169.73 करोड़ शेयरों में से 134 करोड़ शेयर खरीद लेते यानी बाइबैक (Buyback) कर लेते तो शेयर बाजार से कंपनी की लिस्टिंग खत्म हो जाती।
स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट रहेगी कंपनी
वेदांता के मुताबिक उसे 125.47 करोड़ शेयरों के लिए बिड मिली है। यह बिड 5 अक्टूबर को खुली थी और शुक्रवार को बंद हुई। कंपनी को डिलिस्टिंग के लिए 134.12 करोड़ शेयर्स की जरूरत थी। इसके बाद प्रमोटर्स की होल्डिंग 90 प्रतिशत से ज्यादा हो जाती, जो डिलिस्टिंग के लिए SEBI के नियमों के मुताबिक जरूरी था। कंपनी ने कहा कि वह पब्लिक की ओर से ऑफर किए गए शेयर नहीं खरीद रही है, इसलिए कंपनी अभी स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट रहेगी।
निवेशकों को हो रहा था घाटा
वेदांता के कुल फुली पेड अप शेयरों की संख्या 356.10 करोड़ है। इसमें से 90 प्रतिशत का मतलब 320.49 करोड़ शेयर हुए। इसमें से प्रमोटर्स के पास 186.36 करोड़ शेयर हैं। पब्लिक के पास 169.73 करोड़ शेयर हैं। कुल बिड 125.47 करोड़ शेयर्स के लिए मिली। इस तरह से पिछले 6 महीनों से डिलिस्ट करने की कोशिश में अनिल अग्रवाल फेल हो गए। कंपनी ने 87.25 रुपए पर डिलिस्ट का ऑफर दिया था। जिस समय यह ऑफर दिया गया था उस समय शेयर की कीमत 140 रुपए थी। आज यह 120 रुपए पर है। ऐसे में रिटेल निवेशकों के साथ इंस्टीट्यूशनल निवेशकों को भी डिलिस्टिंग में भारी घाटा हो रहा था।
LIC ने मंसूबों पर फेरा पानी
वेदांता की डिलिस्टिंग में सबसे बड़ा अड़ंगा LIC ने लगाया। LIC ने 320 रुपए प्रति शेयर के भाव पर बिड किया था। उसके पास वेदांता की 6 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी है। LIC के साथ ही कुछ और संस्थागत निवेशकों ने भी 155 से 175 रुपए पर बिड किया। इस तरह से वेदांता को जो भाव मिला वह आज के शेयर के भाव से भी ज्यादा मिला, जबकि ऑफर भाव 87.25 रुपए था।