प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पिछले कुछ साल में कई दूरगामी तथा महत्वाकांक्षी सुधार किये हैं, जो दीर्घकालिक अवधि में भारत को प्रतिस्पर्धी एवं उत्पादकता के लिहाज से दक्ष अर्थव्यवस्था बनाएंगे। एक शीर्ष भारतीय अधिकारी ने शुक्रवार (13 दिसंबर) को इसकी जानकारी दी। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने पीटीआई भाषा से यहां एक साक्षात्कार में कहा, ”भारत के बारे में काफी सकारात्मक माहौल है।”
उन्होंने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) समेत दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता के जरिये क्रोनी पूंजीवाद को समाप्त करना, रेरा के जरिये रियल एस्टेट में सुधार करना तथा प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण आदि दीर्घकालिक अवधि में भारत को प्रतिस्पर्धी एवं उत्पादकता के लिहाज से दक्ष अर्थव्यवस्था बनाएंगे। उन्होंने कहा, ”भारत की कहानी अभी शुरू हुई है।”
कांत ने कहा, ”शहरीकरण, बुनियादी संरचना सृजन तथा आगे बढ़ने के लिये प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की हमारी प्रक्रिया अभी शुरू हुई है। ये जो सुधार किये गये हैं, इनकी बुनियाद पर शानदार वृद्धि की कहानी आप अगले तीन दशकों में देखेंगे।” आर्थिक वृद्धि दर के कई साल के निचले स्तर पर पहुंच जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ये अल्पकालिक सूचकांक हैं और भारत पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की पटरी पर है।
कांत ने कहा, ”सरकार का लक्ष्य भारत को 2025 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है। हम सभी इस दिशा में काम कर रहे हैं। हम इसे पा लेंगे और भारत दुनिया में सबसे सरल एवं आसान देशों में एक बन जाएगा।” उन्होंने कहा, ”हम अगले साल तक विश्व बैंक के कारोबार सुगमता सूचकांक में शीर्ष 50 देशों में तथा अगले तीन साल में शीर्ष 25 देशों में शामिल होने का इरादा बना चुके हैं। यह हासिल करने योग्य लक्ष्य है।”