कोरबा (IP News). प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बाद अब केन्द्रीय सत्ता के दूसरे सबसे ताकतवर नेता और गृह मंत्री अमित शाह ने कोयला क्षेत्र में दखल देते हुए कमर्शियल माइनिंग का जिक्र किया। इससे पता चलता है कि सरकार किसी भी स्थिति में कमर्शियल माइनिंग के अपने फैसले से पीछे नहीं हटने जा रही है। जबकि इस मुद्दे को लेकर देश कोयला उद्योग में तीन दिनों की बड़ी हड़ताल हो चुकी है। 18 अगस्त को एक दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया गया है। इसी दिन कमर्शियल माइनिंग का टेण्डर खुलेगा।

यहां बताना होगा कि गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कोयला मंत्रालय के ‘वृक्षारोपण अभियान-2020’ का शुभारंभ किया था और वीडियोे कान्फे्रसिंग के जरिए उद्बोधन दिया। अमित शाह ने कहा कि आज कोयला क्षेत्र न केवल बढ़ते हुए घरेलू कोयले की मांग को पूरा करने के लिए तैयार है बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता के लिए भी उतना ही संवेदनशील है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार विभिन्न कोयला क्षेत्रों में रिक्लेमेशन और वनीकरण को बढ़ावा दे रहा है। प्रधानमंत्री ने खनिज क्षेत्रों में विकास की खाई को दूर करने तथा उनके विकास हेतु डिस्ट्रिक्ट मिनरल फण्ड का गठन किया है। इस फण्ड में अब तक 39 हजार करोड़ रुपये जमा हुए है, जिससे विकास के 35 हजार छोटे-छोटे प्रकल्प अब तक पूर्ण किये जा चुके है।

अमित शाह ने कहा कि कोयला भारत की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्तम्भ है और भविष्य में भी इसकी भागीदारी बनी रहेगी। माननीय प्रधानमंत्री ने 18 जून को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोयला भंडार वाले पांच राज्यों के 41 कोयला ब्लॉकों की नीलामी प्रक्रिया का शुभारंभ किया। श्री शाह ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ईज आफ डूइंग बिसनेस और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की दिशा में कोयला मंत्रालय ने बहुत अच्छा काम किया है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के स्वप्न को साकार करने के लिए भारत कोयला आयात शून्य करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। अमित शाह ने यह भी कहा कि सरकार ने वर्ष 2023-24 तक एक बिलियन टन कोयला निकालने का लक्ष्य रखा है।

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