नई दिल्ली : वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में सुस्त अर्थव्यवस्था और उपभोक्ता मांग में तेजी लाने के लिए सरकार आयकर से जुड़े कई प्रस्तावों पर विचार कर रही है. अंग्रेजी के अखबार इकोनॉमिक टाइम्स की एक खबर के अनुसार, सरकार बिना छूट एक फ्लैट टैक्स रेट रखने, ज्यादा आमदनी करने वालों के लिए अलग नया टैक्स स्लैब बनाने और कॉरपोरेट टैक्स की तर्ज पर व्यक्तिगत आयकर में कमी करने जैसे कई प्रस्तावों पर विचार कर रही है.
एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि आयकर में बदलाव पर राजनीतिक फैसले होने से पहले वित्त मंत्रालय से विचार-विमर्श किया जायेगा. बजट फरवरी में पेश किया जायेगा. इसे देखते हुए सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. अधिकारी के अनुसार, अर्थव्यवस्था के फायदे को देखते हुए अंतिम विकल्प का चयन किया जायेगा.
अधिकारी ने कहा कि आयकर में कटौती की बजाय प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी कल्याणकारी योजनाओं के जरिये लोगों के हाथ में ज्यादा पैसे देने या फिर बुनियादी ढांचा पर खर्च बढ़ाने जैसे विकल्प पर भी विचार किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि आयकर की दर में किसी भी प्रकार के बदलाव से केवल तीन करोड़ उन लोगों को फायदा होगा, जो आयकर देते हैं, जबकि बुनियादी पर खर्च बढ़ाने से दूसरे क्षेत्रों पर भी सकारात्मक प्रभाव होगा. उन्होंने ने कहा कि उपभोक्ता मांग बढ़ाने के साथ ही लाभ और सरकारी खजाने पर पड़ने वाले बोझ में संतुलन बनाये रखने पर भी विशेष ध्यान दिया जायेगा.