सोशल मीडिया में अनुमति के बगैर फोटो अपलोड करने पर नाराजगी जताते हुए ओडिशा हाईकोर्ट ने इस पर सख्त टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने ऐसी घटना को महिला के शालीनता पर आक्रमण बताते हुए इसे रोकने के लिए सरकार को सख्त कानून बनाने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट में दायर एक मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस संजीव कुमार पाणिग्राही ने कहा कि सोशल मीडिया के इस जमाने में महिलाओं की अश्लील फोटो अपलोड करना एक जघन्य अपराध है।
ब्लैकमेल एवं शोषण का जरिया बन रहे ऐसे मामलों पर तुरंत प्रभावी रोक लगाने के लिए सरकार को दंड व्यवस्था में बदलाव लाना होगा। जस्टिस पाणीग्राही ने चिंता जताई है कि एक बार फोटो अपलोड करने के बाद उसे सर्वर से हटाया नहीं जा रहा है जिससे पीड़ित महिला के स्वाभिमान को ठेस पहुंचती है। ढेंकानाल जिले के रासोल की महिला की अंतरंग फोटो अपलोड कर उसे ब्लैकमेल करने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कोर्ट ने इस पर तुरंत कानून लाने की हिदायत दी है।