धनबाद। कोल इंडिया की अनुषांगिक कंपनी बीसीसीएल ने भी कॉमर्शियल माइनिंग का समर्थन किया है।कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बीसीसीएल देश की इकलौती कोकिंग कोल कंपनी है। इसलिए बीसीसीएल की सेहत पर कॉमर्शियल माइनिंग से कोई असर नहीं पड़ने वाला है। बीसीसीएल कम लागत में कोयले के गुणवत्तापूर्ण उत्पादन कर अपने उपभोक्ताओं खासकर स्टील एवं पावर प्लांटों को समय पर कोयला उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। कोल इंडिया के एक बिलियन टन कोयला उत्पादन प्लान में बीसीसीएल 2023-24 तक 50 मिलियन टन कोयला उत्पादन के लक्ष्य को हासिल करने की तैयारी में है।
कंपनी की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि भारत सरकार द्वारा कॉमर्शियल माइनिंग का फैसला देशहित में है। जिन कोल ब्लॉक की नीलामी करने का निर्णय लिया गया है, उसमें केवल दो ही कोकिंग कोल ब्लॉक है। इसलिए कॉमर्शियल माइनिंग से बीसीसीएल के उत्पादन एवं डिस्पैच पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। देश के कुल कोयला भंडार का 54% लगभग 319 बिलियन टन कोल इंडिया के पास है। अभी हाल के दिनों में कोल इंडिया लिमिटेड को अतिरिक्त 16 नए कोल ब्लॉक भी मिले हैं, इसमें बीसीसीएल को 3 कोल ब्लॉक मिला है। सरकार ने जिन 41 कोल ब्लॉकों की नीलामी का निर्णय लिया है, उनमें कोल इंडिया का एक भी खदान नहीं है। इस कारण भी कोल इंडिया को कोई नुकसान नहीं है।