शुभांगी का कहना है, ‘मैं एक स्टार नहीं बनना चाहती। मैं सिंपल तरीके से रहना पसंद करती हूं और यह नहीं चाहती कि किसी भी तरह का दबाव मुझे प्रभावित करे। जब मैं अपने माता-पिता से मिलने इंदौर जाती हूं, तो पूरा मोहल्ला मेरे घर पर इकट्ठा हो जाता है और मेरे साथ तस्वीरें खिंचवाने का दौर चलता है, जिसका मैं आनंद लेती हूं। लेकिन जब मैं केवल एक दिन के लिए वहां जाती हूं, तब मैं केवल अपने परिवार के साथ ही समय बिताना पसंद करती हूं और सेल्फी के लिए पूछे बिना आसपास घूमना चाहती हूं।’ शुभांगी कभी भी स्टारडम को गंभीरता से नहीं लेती हैं और यह एहसास उन्हें तब हुआ, जब उन्होंने इंडस्ट्री में कुछ एक्टर्स को लोकप्रियता की वजह से दबाव में देखा। वह आगे कहती हैं, ‘मैंने अकसर टीवी इंडस्ट्री में एक्टर्स को उनकी लोकप्रियता को गंभीरता से लेते देखा है। लेकिन मैंने सीखा है कि आप चाहे कितने भी सफल क्यों न हो जाएं, आपको सेलिब्रिटी होने का रौब कभी नहीं होना चाहिए।’बहुत सारे सितारों की तरह शिवांगी भी यह समझ गई हैं कि ग्लैमर की दुनिया में जो सफलता और प्रसिद्धि मिलती है, वह अल्पकालिक है। बकौल शुभांगी, ‘हमें यह समझने की आवश्यकता है कि हम सभी टीवी पर कभी भी बदले जा सकते हैं। इस इंडस्ट्री में एक से एक प्रतिभाएं हैं। जब एक एक्टर को लगने लगता है कि वह एक सुपरस्टार है और कोई भी उसे प्रतिस्थापित नहीं कर सकता, तो यह गलत है। यह एक गलत धारणा है।