नई दिल्ली। कारोबारी सुगमता में सुधार के लिए सरकार ने आज भारतीय कंपनियों को अपने शेयरों को सीधे विदेश के स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध कराने के लिए अनुमति देने की घोषणा की। साथ ही सरकार ने कहा है कि स्टॉक एक्सचेंज पर अपने डिबेंचर को सूचीबद्ध कराने वाली निजी कंपनियों को अब सूचीबद्ध कंपनी की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा।
विशेषज्ञों ने कहा कि सरकार की इस पहल से भारतीय कंपनियों को विभिन्न देशों से पूंजी जुटाने में मदद मिलेगी। साथ ही उन्हें लागत को कम करने और सूचीबद्धता संबंधी शर्तों को पूरा करने में भी आसानी होगी। इसके अलावा गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) की सूचीबद्धता के संबंध में अनुपालन संबंधी नियम भी सुगम होंगे। आमतौर पर निजी कंपनियों को इस प्रकार के नियमों से अक्सर जूझना पड़ता है।फिलहाल कुछ भारतीय कंपनियों के पास अमेरिकन डिपॉजिटरी रिसीट (एडीआर) हैं जिनका कारोबार अमेरिका में किया जाता है। इसके अलावा कुछ अन्य कंपनियों के पास ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसीट (जीडीआर) हैं जिनका वैश्विक बाजारों में खरीद-फरोख्त किया जाता है। इन कंपनियों में इन्फोसिस, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज शामिल हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांचवें चरण के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा करते हुए कहा, ‘कंपनी अधिनियम और विदेशी मुद्रा विनिमय प्रबंधन कानून (फेमा) में आवश्यक संशोधन के तहत जल्द ही भारतीय कंपनियों को सीधे विदेशी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने की अनुमति दी जाएगी।’ हालांकिमंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को फरवरी में ही हरी झंडी दे दी थी।
खेतान ऐंड कंपनी के पार्टनर अतुल पांडेय ने कहा, ‘भारतीय विदेशी मुद्रा विनिमय नियंत्रण कानूनों के तहत पूंजी की मुक्त परिवर्तनीयता की अनुमति नहीं दी गई है और पूंजी खाता संबंधी लेनदेन के मामले में कुछ नियामकीय पाबंदियां लगाई गई हैं।’ उनके अनुसार, सरकार के मौजूदा फैसले से भारतीय कंपनियों को रकम जुटाने के लिए एक अन्य विकल्प मिलेगा जिसकी उन्हें बेहद आवश्यकता है।
सूत्रों का कहना है कि एडीआर और जीडीआर के जरिये मौजूदा प्रावधान की लोकप्रियता घट रही है। ऐसे में बाजार नियामक सेबी और सरकार अन्य विकल्पों के साथ सामने आने की आवश्यकता है ताकि कंपनियों की पहुंच कहीं व्यापक पूंजी बाजार तक सुनिश्चित हो सके।
An innovative hydrogen fuel cell-based backup power solution for telecom towers, developed using a plug-and-play model can support national renewable energy goals while ensuring...